वाशिंगटन। कभी दस साल तक पाकिस्तान पर निरंकुश शासन करने वाले परवेज मुशर्रफ ने माना है कि उन्होंने कोर्ट में जज के सामने खड़ा होने पर खुद ‘अनादर और अपमानित’ महसूस किया। मुशर्रफ कई केसों के मामले में अग्रिम जमानत की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए थे।
मुशर्रफ ने एक अमेरिकी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘यह पहली बार है जब मैंने अपने जीवनकाल में एक कोर्ट रूम में प्रवेश किया। अगर मैं आपको स्पष्ट रूप से बताऊं कि उस समय मेरी क्या भावनाएं थी, अगर आप उस समय की मेरी भावनाएं जानना चाहते हैं, जब मैं जज के सामने खड़ा था तो सबसे पहले मैंने उन मानकों को पूरा किया जो मुझे करना था। लेकिन मैंने इस दौरान खुद को गिरा हुआ और अपमानित महसूस किया।’ 69 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 में नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटते हुए पाक में सैन्य शासन स्थापित किया था।
पूर्व सैन्य तानाशाह ने आगे कहा, ‘लेकिन मैंने सोचा कि कानून सबके लिए एक समान होता है। इसलिए मैंने यह सब कहने का विचार किया। कानून मेरे ऊपर भी लागू होता है। हालांकि इससे कुछ लोग निराश भी हो सकते हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कानून पर विश्वास करते हैं तो उन्होंने कहा, ‘हर किसी को परिणाम का सामना करना होता है। मैं जानता हूं और मुझे दृढ़ विश्वास है कि मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं है। जहां तक मेरी गिरफ्तारी वारंट की बात है तो मेरे कोर्ट में गैरहाजिर होने के कारण ऐसा हुआ है।’ उन्होंने कहा, ‘अब जबकि मैं कोर्ट में पेश हो गया हूं तो अब मेरी गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं उठता। और हम अब केस का सामना करेंगे। हम पर जो केस किए गए हैं वो राजनैतिक भावना से प्रेरित है। मेरी नजर में मेरी खिलाफ कुछ भी नहीं है। फिर भी मैं कोर्ट का सामना करूंगा।’
कराची कोर्ट रूम में मुशर्रफ ने अपने ऊपर फेंके गए जूते के बारे में कहा, ‘मैं उसे देखा तक नहीं। उससे मुझे चोट तक नहीं लगी। बाद में मुझे बताया कि किसी को कुछ लोगों ने जमकर धुनाई की है।’ मुशर्रफ को अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में हाजिर होना जरूरी था। 22 मार्च को मुनीर आलम की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय पीठ ने पूर्व राष्ट्रपति को स्वदेश लौटने के लिए 10 दिनों की जमानत दी। इसके बाद 2009 से स्वनिर्वासन में रह रहे मुशर्रफ स्वदेश लौटे। कल शुक्रवार को वह कराची के एक कोर्ट में पेश हुए। मुशर्रफ अग्रिम जमानत की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए थे। एक सदस्यीय पीठ ने कई मामलों में उनकी अग्रिम जमानत का समय 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। इनमें वे मामले भी शामिल हैं जिनमें मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया गया है। इसके अलावा उनके देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पेशी के दौरान अदालत के बाहर लोगों में काफी गुस्सा देखा गया। वकीलों के समूह और मानवाधिकार समूहों के लोग मुशर्रफ के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।