नई दिल्ली। हैदराबाद बम धमाकों के बाद अब एक के बाद एक तस्वीरें सामने आ रही हैं। एक निजी चैनल ने दावा किया है कि हैदराबाद में गुरुवार की शाम को आतंक का खूनी खेल खेलने वालों ने इसके लिए पहले हैदराबाद के साई मंदिर को चुना था। लेकिन ऐन वक्त पर इस जगह को बदल दिया गया और यहां से कुछ दूरी पर बम धमाका किया गया।
जानकारी के मुताबिक आतंकियों इस हमले को अंजाम देने के लिए सांई मंदिर को चुना था। उनका मकसद था ज्यादा से ज्यादा लोगों की हत्या करना। दरअसल शाम के समय साई मंदिर में भक्तों का जमावड़ा रहता है। यही वजह थी कि आतंकियों ने इस हमले को अंजाम देने के लिए इस स्थान का चयन किया था। लेकिन उनके तय समय से करीब पच्चीस मिनट पहले ही वहां पर शहर के पुलिस कमिश्नर ने अपनी दस्तक दे दी। कमिश्नर के आने से पहले इसकी भनक आतंकियों को नहीं थी। लेकिन कमिश्नर के मंदिर में जाने से पहले ही वहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया गया। मजबूरन आतंकियों को आनन-फानन में दूसरी जगह का चुनाव करना पड़ा। इसके बाद ही इन्होंने दिलसुख नगर की फलमंडी का चुनाव कर आइइडी से धमाका किया।
जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने बेहद शातिर तरीके से हमले को अंजाम देने से पहले ही चार जगहों के सीसीटीवी कैमरे के तार काट दिए थे। इसकी वजह से किसी के भी चेहरे सामने नहीं आ सके। लेकिन सांई मंदिर में लगे कैमरे ने कमिश्नर की मौजूदगी को दर्ज किया।
हैदराबाद धमाकों के बाद खुफिया तंत्र और इसकी जांच में जुटी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी एनआईए इस घटना के तार विभिन्न जगहों और लोगों से जोड़ने में लगी है। इसके अलावा वह कुछ दूसरे कैमरों से ली गई तस्वीरों से भी इस घटना का सच जानने में जुटी है। एनआईए को मौके से काफी सारी जानकारियां मिली हैं जिनकी गुत्थी को सुलझाना अभी बाकी है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस घटना को अंजाम देने से पहले इस जगह की कई बार पिछले वर्ष अक्टूबर में रेकी की गई थी। इसके बाद ही हैदराबाद में इन जगहों को निशाना बनाया गया। यह तीसरी बार था जब हैदराबाद के दिलसुखनगर को हमले के लिए चुना गया।