अपनी कंपनियों पर बढ़े हैकिंग के खतरों को देखते हुए अमेरिका ने इससे निपटने के लिए नई रणनीति की घोषणा की है। इसके मुताबिक, अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ होने वाली हैकिंग और उनके डाटा चोरी को रोकने के लिए वाशिंगटन बौद्धिक संपदा अधिकार कानून के इस्तेमाल के अलावा राजनयिक उपायों और ‘व्यापार नीति उपकरण’ का इस्तेमाल करेगा।
ओबामा सरकार ने यह कदम अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी की एक दिन पहले जारी उस रिपोर्ट के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया था कि चीनी सेना की एक यूनिट संगठनात्मक रूप से अमेरिका सहित दुनिया भर की कंपनियों की साइबर जासूसी और डाटा चोरी में लगी है।
हैकिंग के खिलाफ व्हाइट हाउस पांच कदम उठाएगा, जिसमें राजनयिक समझौते बढ़ाना, खुफिया व्यापार जानकारी की सुरक्षा के लिए उद्योगों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का समर्थन करना, विदेशी प्रतिस्पर्धियों और सरकारों द्वारा व्यापार रहस्य चोरी करने पर मुकदमा करना, हैकिंग के खिलाफ कानून बनाना और लोगों को इसके बारे में जागरूक करना शामिल है।
अमेरिका की बौद्धिक संपदा प्रवर्तन के समन्वयक विक्टोरिया ए ईस्पाइनल ने कहा कि रणनीति में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रशासन अमेरिका की व्यापारिक खुफिया जानकारियां चुराए जाने का प्रभावी ढंग से मुकाबला करेगा। अमेरिकी कंपनियों की खुफिया जानकारी चुराने के ज्यादातर मामले चीन से जुडे़ हैं।