नई दिल्ली।। ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली समेत कई शहरों में सड़कों पर ऑटो और टैक्सी की संख्या कम नजर आ रही है। इसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस बीच, बंद के दौरान हिंसा के केंद्र में रहे दिल्ली से सटे नोएडा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नोएडा के फेज 2 होजरी कॉम्प्लेक्स इलाके में हड़ताल के पहले दिन 25 प्राइवेट गाड़ियों और दमकल विभाग की एक गाड़ी में आग लगाने और फैक्टिरियों में तोड़फोड़ के मामले में 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आसपास के गांवों में उपद्रवियों की पहचान कर रही है। यूपी सरकार ने हिंसा की जांच के आदेश दे दिए हैं।
मुंबई में एलआईसी, आरबीआई, बैंकिंग के कुछ संगठन, सरकारी कर्मचारी, इंडस्ट्रियल सेक्टर के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। ऑटो-टैक्सी के इससे अलग रहने की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। बिहार में आरा और जहानाबाद में हड़ताल समर्थकों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की खबर है। बंगाल में फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन बंद हैं लेकिन बाजार खुले हैं। सड़कों पर भी गाड़ियों की संख्या ठीकठाक है। बेंगलुरु में हड़ताल का खास असर नहीं दिख रहा है लेकिन स्कूल और कॉलेज बंद हैं।
बंद के समर्थन में मारुति और हीरो जैसी कंपनियों के कर्मचारी भी आज से शामिल हैं। चंद महीने पहले ही दिल्ली के पास गुड़गांव में मारुति की फैक्ट्री में जो कुछ घटा था उसके देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। नोएडा में कल हुई हिंसा के मद्देनजर दिल्ली के इंडस्ट्रियल और अन्य कमर्शल एरिया में पुलिस ज्यादा चौकसी बरत रही है। ट्रेड यूनियनों के दो दिन के भारत बंद को ध्यान में रख कर कल भी अतिरिक्त इंतजाम किए गए थे, लेकिन नोएडा में हिंसा के बाद कई इलाकों में बंदोबस्त और बढ़ा दिया गया है। ऑफिसरों से हालात पर बराबर नजर रखने को कहा गया है। पीसीआर और लोकल पुलिस की गाड़ियां बराबर गश्त कर रही हैं। नोएडा में कई प्राइवेट स्कूल आज बंद कर दिए गए हैं।
नोएडा के फेज 2 इंडस्ट्रियल हिंसा के मामले में पुलिस कंपनियों के सीसीटीव फुटेज से आसपास के गावों में घर-घर जाकर उपद्रवियों की पहचान कर रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि कंपनियों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों में ज्यादातर आसपास के गांवों के असमाजिक तत्व थे। इनका हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं था। दूसरी तरफ भारी सुरक्षा के बावजूद इन कंपनियों में आज कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। कंपनियों के प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारियों की कम मौजूदगी से उनकी उत्पादकता प्रभावित होगी और कुछ ऑर्डर कैंसल भी हो सकते हैं।
दिल्ली में आज भी सड़कों पर ऑटो और टैक्सी गायब नजर आए। इनके सड़कों पर न आने के कारण रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों व हवाई अड्डों पर लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह के समय लोगों को अपने गंतव्य पर जाने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑटो व टैक्सी न मिलने से लोगों को बस व मेट्रो का सहारा लेना पड़ा, जिससे सुबह के वक्त वहां खासी भीड़ दिखाई दी।