अमरीश शुक्ल, इलाहाबाद। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आगामी सत्र से कई अहम बदलाव करने जा रहा है। सत्र 2013-14 में 10वीं के विद्यार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन और आंसर शीट डिजिटल करने की तैयारी है। यह कदम मैनुअल मूल्यांकन प्रक्रिया में होने वाली गलतियों को कम करने के लिहाज से उठाया गया है।
मौजूदा सत्र में 10वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए यह स्कीम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। इसके तहत छात्रों को उनकी आंसर शीट ईमेल से भेजी जाएगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का फोकस हर क्षेत्र में कम्प्यूटराइजेशन और डिजिटलाइजेशन पर है। इसके लिए बोर्ड ने शिक्षकों के कंप्यूटर प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया है। विद्यालयों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का दबाव है। इसी कड़ी में बोर्ड ने मूल्यांकन प्रणाली डिजिटलाइज करने की तैयारी की है।
बोर्ड का प्रयास इस बार 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की कॉपियों को प्रयोग के तौर पर डिजिटल तरीके से मूल्यांकित करने का है। अगर यह प्रयोग सफल रहा और कामयाबी मिली तो 2014 के सत्र से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए भी डिजिटल मार्किंग सिस्टम शुरू किया जाएगा। पायलट परीक्षण के दौरान 10वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम के बाद आंसरशीट्स उनके इनबॉक्स में भेजी जाएंगी। इससे रीमार्किंग और रीवैल्यूएशन के अनुरोध में कमी आने की उम्मीद है।
एमपीवीएम गंगा गुरुकुलम की प्रिंसिपल अल्पना डे के मुताबिक अभी कॉपियों का मूल्यांकन शिक्षक मेन्युअली करते हैं। डिजिटल मार्किंग होने के बाद एक आंसरशीट करीब दो या तीन शिक्षक चेक करेंगे। इससे कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षक से होने वाली मानवीय भूल तो कम होगी ही छात्रों को भी इसका फायदा मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड की योजना है कि 10वीं के ढाई लाख स्टूडेंट्स डिजिटल आंसरशीट्स पर एग्जाम दें और मार्किंग भी डिजिटली हो। आगे सभी सीबीएसई स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा केलिए इसे लागू करने की योजना है।
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