बेंगलूर। सामाजिक कार्यो के लिए दान बढ़ाने की अपनी मुहिम के तहत आइटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कंपनी में अपनी 12 फीसद हिस्सेदारी अपने एक ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिए हैं। इसके तहत प्रेमजी ने 12,300 करोड़ रुपये मूल्य के 29.55 करोड़ शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को सौंपे हैं। इससे पहले वर्ष 2010 में उन्होंने 7.93 फीसद हिस्सा इस ट्रस्ट को सौंपा था। इससे ट्रस्ट के पास कंपनी की कुल हिस्सेदारी 19.93 फीसद हो गई। यह ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक कार्यो के लिए धन उपलब्ध कराता है। प्रेमजी इस ट्रस्ट के भी चेयरमैन हैं।
लाभ न कमाने के सिद्धांत पर काम करने वाले इस फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। फाउंडेशन ने एक बयान में कहा है कि संस्था के कार्यो को अगले कुछ वर्षो में विस्तृत रूप दिया जाएगा। संस्था प्रदेश सरकारों के साथ साझेदारी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच बढ़ाने के काम करती है। फिलहाल फाउंडेशन आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तराखंड में काम कर रहा है। इस ट्रस्ट ने बेंगलूर में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय और तीन प्रदेशों में प्रदेश स्तरीय शिक्षण संस्थान स्थापित किए हैं।
पिछले दो साल में सात जिलों में जिला स्तरीय संस्थान और छह स्कूल खोले गए हैं। बयान में कहा गया है कि अगले पांच साल में जिला स्तरीय शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ाकर 60 की जाएगी। साथ ही प्रदेश स्तरीय संस्थानों की संख्या आठ और विश्वविद्यालय में छात्रों की क्षमता बढ़ाकर 3,500 की जाएगी। 19 फरवरी को प्रेमजी ने अपने बयान में कहा था कि वह अपनी संपत्ति का इस्तेमाल परोपकार्य के कायरें में बढ़ाएंगे। इस दान के जरिए वह देश में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के अपने फाउंडेशन के काम को आगे बढ़ाएंगे।