श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो के फेहरिस्त में सोमवार को एक और स्वर्णिम पन्ना दर्ज हो जाएगा। आज शाम को इसरो अपने प्रक्षेपण राकेट पीएसएलवी के जरिए छह विदेशी लघु और सूक्ष्म उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में भेजने को पूरी तरह से तैयार है। इस लॉचिंग की उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है।
इसरो अपने धुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान [पीएसएलवी-सी 20] से सरल नाम के उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा। अधिकारियों के मुताबिक सरल जो डाटा प्रदान करेगा उससे समुद्री मौसम, पूर्वानुमान, जलवायु निगरानी आदि में मदद मिलेगी। यह उपग्रह भारत और फ्रांस के सहयोग से तैयार किया गया है। पीएसएलवी – सी 20 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लांच पैड से स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजकर 56 मिनट पर छोड़ा जाएगा। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी वहां पर मौजूद रहेंगे।
लगातार 21 सफल प्रक्षेपण करने का रिकार्ड रखने वाले पीएसएलवी का यह 23वां मिशन है। नौवीं बार इसरो रॉकेट के ‘कोर एलोन’ वेरियंट का इस्तेमाल कर रहा है। 668.5 किलोग्राम वजनी और 44.4 मीटर लंबा यह रॉकेट 229.7 टन वजन लेकर उड़ान भरेगा। ‘सरल’ के साथ यह सूक्ष्म उपग्रहों यूनीब्राइट और ब्राइट (ऑस्ट्रिया), आऊसेट 3 (डेनमार्क), ब्रिटेन के एसटीआरएएनडी, कनाडा के नियोससैट और कनाडा के ही लघु उपग्रह सफायर को लेकर उड़ान भरेगा।
इसरो ने इससे पहले ‘सरल’ को पिछले साल 12 दिसंबर को प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी लेकिन तकनीकी कारणों से अतिरिक्त परीक्षण करने के लिए इसे टाल दिया गया। सरल उपग्रह का वजन 410 किलोग्राम है जिसमें फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के पेलोड-आगरेस और अल्तिका लगे हैं। यह उपग्रह समुद्र की स्थितियों को समझने में मदद करेगा।