हैदराबाद के दिलसुखनगर ब्लास्ट मामले में शनिवार को महत्वपूर्ण जानकारी जुटा ली गयी है. इसकी कुल पांच लोगों ने मिलकर साजिश रची थी.
इस मामले में अब तक संदिग्ध 13 लोगों ने पूछताछ की जा चुकी है. ब्लास्ट की पांच लोगों ने साजिश रची थी. बम लगाने में तीन लोग शामिल थे. इनमें से एक 26 वर्षीय शख्स ब्लास्ट के समय देखा गया है जिससे गहन पूछताछ चल रही है.
हैदराबाद ब्लास्ट से संबंधित खुफिया सूचना को लेकर दोषारोपण का काम शुरू हो गया है. केंद्र राज्य सरकार पर तो राज्य सरकार केंद्र पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहा है. इस बीच जांच में घमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की आशंका है.
विस्फोट वाले इलाके में 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे मगर खराब होने के कारण वो किसी काम नहीं आए.
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात से इन्कार किया है कि सीसीटीवी के तार आतंकियों ने वारदात को अंजाम देने से पहले काटा. जांच में आईईडी बमों में अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल होने का अनुमान है. दोनों बम साइकिल पर टिफिन में रखे गए थे. ज्यादा घातक बनाने के लिए बमों में लोहे की कील और टुकड़े मिलाए गए थे.
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर द्वारका तिरुमला राव के मुताबिक धमाकों के पीछे शामिल लोगों का पता चल चुका है. मगर सुरक्षा और जांच प्रभावित होने के कारण इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया जा सकता.
बमों में टाइमर भी लगा हो सकता है. साइबराबाद पुलिस कमिश्नर द्वारका तिरुमला राव के मुताबिक धमाकों के पीछे शामिल लोगों का पता चल चुका है. मगर सुरक्षा और जांच प्रभावित होने के कारण इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया जा सकता. किसी को भी इस सिलसिले में हिरासत में नहीं लिया गया है.
हैदराबाद के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने बैंगलोर, कोयंबटूर और हुबली में भी धमाके होने की आशंका के बारे में राज्य सरकार को आगाह किया था.
आतंकी आमिर अजमल कसाब और अफजल गुरू को फांसी का बदला लेना चाहते थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्यों को संभावित आतंकी हमले की चेतावनी के साथ इन चार शहरों को अलग से चेतावनी भेजी गई थी.
हालांकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि ऐसी चेतावनी उनके पास रुटीन तौर पर आती रहती हैं.
पुणे विस्फोट में गिरफ्तार आईएम के दो आतंकियों ने दिल्ली पुलिस को बताया था कि दिलखुशनगर में जुलाई 2012 में बम विस्फोअ करने के लिए मोटरसाइकिल पर रेकी की गई थी.
अक्तूबर में गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सैयद मकबूल और इमरान खान ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने जुलाई 2012 में हैदराबाद के दिलसुखनगर, बेगम बाजार और आबिट्स की रेकी की थी. ये रेकी इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक और पाकिस्तान में छुपे आतंकी रियाज भटकल ने करवाई थी. मकबूल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है और उसके बयान को दोबारा खंगाला जा रहा है.
एनआईए ने एक डीआईजी के नेतृत्व में एक क्रैक टीम बनाई है. स्थानीय पुलिस ने भी धमाकों से संबंधित जानकारी देने वालों को पुरस्कार का एलान किया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने केस को सीआईडी को सौंप दिया है. सीआईडी एनआईए के साथ मिल कर जांच करेगी. जांच टीम के मुताबिक विस्फोट वाली जगह पर अफरा-तफरी और दौड़-भाग के कारण कई महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए. कई सबूत लोगों के पैरों के नीचे आकर नष्ट हो गए.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के मुताबिक हैदराबाद विस्फोट में कई आतंकी संगठन का हाथ है. शिंदे से शुरुआत कर कई राष्ट्रीय नेताओं ने हैदराबाद का दौरा किया.
आंध्र प्रदेश की रेड्डी सरकार धमाकों के बाद से ही विपक्ष के निशाने पर है. उन पर आरोप है कि केंद्र से चेतावनी मिलने के बावजूद राजय ने खुफिया सबूतों पर काम क्यों नहीं किया. हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र की चेतावनी बहुत सामान्य सी थी.