नई दिल्ली। हैदराबाद धमाकों के मामले में जांच एजेंसियों को एक अहम सुराग मिला है। सूत्रों के मुताबिक धमाकों से पहले दिलसुखनगर के एक स्थानीय होटल में पांच लोग ठहरे हुए थे जो धमाकों के बाद होटल में वापस नहीं लौटे। ये सभी होटल में फर्जी पतों पर रुके हुए थे। इनमें से दो के नाम विजय और राजू बताए जाते हैं। ‘हिंदू आतंकवाद’ पर छिड़ी बयानबाजी के बीच मिले इस सुराग की असलियत पुलिस जांच रही है। इन लोगों ने होटल के दो कमरे बुक किए थे और करीब दस दिनों तक दिलसुखनगर के एक होटल में रुके हुए थे।
पुलिस को होटल के सीसीटीवी से पता चला है कि ये सभी लोग होटल से एक साथ बाहर निकलते थे और साथ ही वापस भी लौटते थे। धमाकों के समय तीन लोग होटल से बाहर थे जबकि राजू और सुब्हानी होटल में ही रुके हुए थे। धमाकों से कुछ घंटे पहले ही सभी लोगों ने होटल स्टाफ को बताए बिना अचानक होटल छोड़ दिया था।
धमाकों के बाद से कोई बड़ा सुराग तलाशने में नाकाम रही पुलिस ने दिलसुखनगर इलाके के सभी होटलों के रजिस्टरों की तलाशी ली तो उन्हें इसका पता चला। अभी तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि विजय, राजू, साजिद, सुब्हानी और अख्तर नाम के युवक धमाकों से दस दिन पहले दिलसुखनगर के एक होटल में रुके थे। इन्होंने राजू और सुब्हानी नाम के फर्जी वोटर आई-कार्ड देकर दो कमरे बुक कराए थे। ये सभी कार्ड आंध्रप्रदेश के नालगोंडा जिले के बने हुए थे।