अमृतसर/रोपड़. बुड़ैल जेल ब्रेक कांड में शामिल व पंजाबभर में हमलों की साजिश रचने वाले बब्बर खालसा के आतंकी और खालिस्तान लिबरेशन आर्मी बनाने वाले नरैण सिंह चौरा को मंगलवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चौरा पर 10 लाख का ईनाम था।
चौरा की गिरफ्तारी तरनतारन के गांव जलालाबाद से हुई। इस दौरान उसके दो अन्य साथियों सुखवंत सिंह और सुखदेव सिंह को भी पकड़ा गया है। चौरा को रोपड़ की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 12 मार्च तक जुडीशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। इसके कुराली स्थित ठिकाने से एक एके 56 राइफल, उसकी 20 गोलियां, .30 माउजर, उसकी 50 गोलियां और पांच हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं। चौरा पाक और विदेशों में रह कर पंजाब में आतंक की साजिश रचता रहा है।
जब भी वह पंजाब आता तो नाम बदल-बदल कर आता। एसएएस नगर के कुराली थाने में चौरा और उसके दोनों साथियों के खिलाफ एक्सप्लोजिव और आम्र्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके बाद तीनों को बुधवार देर शाम अमृतसर स्थित ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। यह जानकारी पंजाब पुलिस के पीआरओ रणदीप सिंह ने दी। बुड़ैल जेल ब्रेक मामले में चौरा जेल से 2005 में रिहा हुआ था। उसके बाद से चौरा का कोई सुराग नहीं था।
वहीं, बुधवार देर रात लुधियाना में राजगुरु नगर और बस्ती जोधेवाल से दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
गिरफ्तार करने वाली टीम को पदोन्नत किया : कुख्यात आतंकियों को गिरफ्तार करने वाली टीम को डीजीपी पंजाब की ओर से पदोन्नत किया गया है। इनमें एक एसआई को इंस्पेक्टर, चार हेड कांस्टेबल को एएसआई और पांच कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल पदोन्नत किया गया है।
दर्जनभर केस हैं दर्ज : चौरा अमृतसर के सिविल साइंस पुलिस स्टेशन में 8 मई 2010 को दर्ज एक्सप्लोसिव एक्ट के मामले (एफआईआर-201) में वांछित आरोपी है। चौरा के खिलाफ पंजाब में करीब एक दर्जन केस दर्ज हैं।
ट्रांजिट रिमांड पर लिया : रोपड़त्नकुराली में हथियारों की बरामदगी मामले में चौरा को रोपड़ की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 12 मार्च तक के लिए जुडीशियल रिमांड पर भेज दिया। वहीं, अमृतसर पुलिस ने चौरा का ट्रांजिट रिमांड लिया है।
दो साल पाक में ली ट्रेनिंग
शम्मी सरीन. अमृतसरत्ननरैण सिंह चौरा दरबार साहिब में जून 1984 को हुई कार्रवाई के बाद 19 साथियों के साथ गुरदासपुर की डेरा बाबा नानक सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था। वहां उसने आईएसआई से हथियार चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। जुलाई 1986 को पंजाब पुलिस ने दावा किया कि चौरा ने आत्मसमर्पण कर दिया है। चौरा का कहना था कि उसे गिरफ्तार किया गया है। तब उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला को केंद्र की कठपुतली कहा था। बाद में लिबरेशन आर्मी बना ली।
पूछताछ में कबूल किया
चौरा को हवारा को छुड़ाने के लिए जर्मनी से आदेश मिला था। हवारा बेअंत सिंह की हत्या में तिहाड़ जेल में बंद है। पूछताछ में चौरा ने कबूला है कि उसे जर्मनी से आदेश थे कि किसी भी हालत में हवारा को निकालना है। कुराली से मिले हथियारों का इस्तेमाल करना था। चंडीगढ़ में हवारा पेशी पर आता और इसी दौरान ग्रेनेड फेंककर छुड़ाने की साजिश थी। पिछले 2 साल से चौरा इसकी प्लानिंग कर रहा था। 12 नवंबर 2011 को हवारा पर हमला होने के बाद उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसी वजह से चौरा को अपनी प्लानिंग आगे खिसकानी पड़ी।