नई दिल्ली।। यूपीए सरकार अब गरीबों को मुफ्त मोबाइल और टैबलेट बांटने की ‘मेगा स्कीम’ लाने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत गरीबों को 2.5 करोड़ मोबाइल और 90 लाख टैबलेट बांटे जाएंगे। इस योजना पर 7860 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। सरकार इस योजना को देश में शहरी और ग्रामीण लोगों के बीच पैदा हुई डिटिजल खाई को पाटने के नाम पर ला रही है, जिसके तहत अगले 4 सालों तक ये मोबाइल और टैबलेट बांटे जाएंगे।
गरीबों को दिए जाने वाले मोबाइल में दो साल के लिए फ्री कनेक्शन होगा। इसके लिए उनसे एकमुश्त 300 रुपये लिए जाएंगे। इसमें उन्हें हर महीने 30 मिनट का टॉक टाइम, 30 एसएमएस और 30 एमबी डेटा फ्री मिलेगा। मोबाइल फोन की यह यह योजना सिर्फ ग्रामीण इलाकों के लिए होगी। इस योजना के तहत दिए जाने वाले टैबलेट ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के 11वीं और 12वीं के छात्रों को दिए जाएंगे। टैबलेट में हर महीने 75 मिनट का टॉक टाइम, 75 एसएमएस और 500 एमबी डेटा कनेक्शन मिलेगा।
टेलिकॉम कमिशन को यह प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कमिशन से यह प्रस्ताव मंजूर होने के बाद इसे कैबिनेट को भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि इस योजना को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के माध्यम से लागू करवाया जाएगा। पहले साल 395 करोड़ की लागत से 25 लाख मोबाइल और 772.5 करोड़ की लागत से 15 लाख टैबलेट बांटे जाएगे। अगले साल 880 करोड़ की लागत 50 लाख मोबाइल और 1,858.75 करोड़ की लागत से 35 लाख टैबलेट बांटे जाएंगे।
तीसरे साल 1365 करोड़ की लागत से 75 लाख लोगों को मोबाइल और 2,191.25 करोड़ की लागत से 40 लाख छात्रों को टैबलेट मिलेंगे। चौथे साल यह योजना बंद हो जाएगी, लेकिन डेटा कनेक्शन सर्विस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना के लिए लाभार्थियों का चयन राज्य सरकारें करेंगी। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कहीं वह इसी तरह की किसी दूसरी योजना का लाभ तो नहीं उठा रहे हैं।