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CAT अपडेट: यूपी के छात्र थे सबसे ज्यादा ‘लालची’

iim-kozhikode-new-51cfc13c52aaa_lकॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) में जिन 80 अभ्यर्थियों के परसेंटाइल बढ़ाए गए हैं, उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के हैं। परसेंटाइल बढ़वाने के एवज में धंधेबाजों ने जिन छात्रों से लाखों के वारे-न्यारे किए उनमें कई लखनऊ के भी हैं।

कोझीकोड की पुलिस आएगी लखनऊ
अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) कोझिकोड की रिपोर्ट पर कोझिकोड पुलिस के चेव्वयूर सर्किल ऑफिसर प्रकाशन पंडानयिल के नेतृत्व में जल्द एक टीम लखनऊ पहुंचेगी। टीम का मकसद कैट की वेबसाइट www.catiim.in को मेंटेन करने वाली लखनऊ की वेब वेवर्स और यूपी के उन छात्रों से पूछताछ करना है जिन्होंने कैट में परसेंटाइल बढ़वाए हैं।

पुलिस के राडार पर तीन पदेश

सर्किल ऑफिसर प्रकाशन पंडानयिल का कहना है कि यूपी, हरियाणा और दिल्ली हमारे राडार पर है, क्योंकि सर्वाधिक छात्र यहीं के हैं और वेब वेवर्स का लखनऊ व हरियाणा में कार्यालय है। उनके अनुसार यूपी, हरियाणा व दिल्ली के लिए जो दो टीमें रवाना हो रही हैं उनमें हर में पांच-पांच सदस्य हैं।

लखनऊ पुलिस की भी लेंगे मदद
चूंकि वेब वेवर्स का कार्यालय लखनऊ में है, इसलिए उसने वहीं से परसेंटाइल बढ़वाने के जाल में छात्रों को आसानी से फंसाने के लिए अपने गुर्गे लगा दिए होंगे। ‘अमर उजाला’ की ओर से यह बताने पर कि वेबसाइट पर दिए गए वेब वेवर्स के लखनऊ स्थित तीनों पतों पर कोई नहीं मिला, पंडानयिल का कहना था कि संभवत: यह तीनों पते फर्जी हों या धंधेबाज बोरिया-बिस्तर समेटकर भाग गए हों। उन्होंने कहा, हमारे पास यूपी में काफी काम है और अहम सबूत यहीं से जुटाए जाएंगे। हम लखनऊ पहुंचकर वहां लोकल पुलिस को सूचना देकर उनकी मदद लेंगे।

फॉरेंसिक रिपोर्ट एक-दो दिन में!

इधर, आईआईएम कोझिकोड द्वारा मुख्य कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और वेब वेवर्स को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए दी गई सीडी की फोरेंसिक जांच की जा रही है। रिपोर्ट रविवार को आनी थी लेकिन नहीं आ पाई। सर्किल ऑफिसर पंडानयिल ने उम्मीद जताई है कि यूपी, हरियाणा और दिल्ली भेजी गईं टीम को अहम सबूत मिलेंगे और इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ हो जाएगा।

जानिए, कैसे हुआ पूरा खेल
उल्लेखनीय है, कैट का आयोजन 11 अक्तूबर 2012 से 6 नवंबर 2012 तक किया गया था। कैट करवाने की जिम्मेदारी आईआईएम कोझिकोड को सौंपी गई थी। कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट करवाने और उसका रिजल्ट तैयार करने का काम प्रोमेटिक्स कंपनी को दी गई थी। कैट की वेबसाइट को मेनटेन करने वाली लखनऊ की कंपनी वेब वेवर्स को रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करने का काम दिया गया था। शुरुआती जांच में पता चला कि वेब वेवर्स ने 80 अभ्यर्थियों के परसेंटाइल बढ़ाकर वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड किया।

भुक्तभोगी कर सकते हैं जांच में सहयोग

कैट में परसेंटाइल बढ़ाने के एवज में धंधेबाजों ने मोटी रकम वसूली। लाखों में सौदा तय किया और छात्रों को पूरा भरोसा दिलाया कि उनका एडमिशन हो जाएगा। इसके बाद धंधेबाजों ने समय के साथ-साथ अपनी रकम भी बढ़ाई। ऐसे छात्र जो ऊंचा दाम देते थे, उनका काम फटाफट हो जाता था।

जिन्होंने पहले कम रकम दी तो उनसे तोल-मोल किया गया। संभवत: इनमें से एक छात्र यूपी का ही था, जिसने कैट का आयोजन करवाने वाले आईआईएम कोझिकोड को पूरा खेल बता दिया। अब जो भुक्तभोगी छात्र हैं और जिनके लाखों रुपये दाखिला रद्द होने के कारण डूब गए हैं, वे भी जांच में सहयोग करने को तैयार हो सकते हैं। पुलिस को सफलता की पूरी उम्मीद है।

NCR Khabar News Desk

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