बड़े काम का है बैंक लॉकर, जरा परखिए तो…

bank-locker-51b73af683664_lगहनों, कीमती सामान व महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की चिंता अकसर लोगों को परेशान किए रखती है।

वैसे भी आज के माहौल में मजबूत से मजबूत ताले और तिजोरी का सहारा लेकर भी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से निश्चिंत नहीं रहा जा सकता।

ऐसे में बैंक लॉकर इन चीजों को सुरक्षित व गोपनीय बनाए रखने का एक कारगर उपाय साबित होता है।

इसकी एक बड़ी वजह यह है कि बैंक के फौलादी स्ट्रांग रूम में बनाए गए मजबूत लॉकरों को खोल या तोड़ पाना आमतौर पर किसी भी अपराधी के वश के बाहर होता है।

इसके अलावा लॉकरों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व अन्य निगरानी व चेतावनी की प्रणालियां लॉकर की सुरक्षा को इतना पुख्ता कर देती हैं कि इसमें सेंध लगा पाना तकरीबन नामुमकिन हो जाता है।

व्यक्तिगत स्तर पर सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम कर पाना इतना खर्चीला होता है कि धनी लोगों के लिए भी यह सबकुछ कर पाना संभव नहीं हो पाता।

ऐसे में बैंक लॉकर काफी कम खर्च में आपको यह सारी सुविधाएं उपलब्ध करा देता है।

नहीं देना होता बैंक को सामान का विवरण
सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्रों के बैंक ग्राहकों को लॉकर की सुविधा देते हैं। आमतौर पर ग्राहकों को यह सुविधा तभी मिलती है, जब उनका बैंक में पहले से कोई खाता चल रहा हो।

लॉकर में ग्राहक अपनी जरूरत के मुताबिक आभूषण, दस्तावेज व अन्य कीमती सामान आदि रख सकते हैं।

लॉकर सुविधा की सबसे खास बात यह है कि इसमें ग्राहक द्वारा अपने लॉकर में रखी जाने वाली वस्तु का बैंक को किसी तरह का कोई विवरण नहीं देना होता है।

ऐसे में बैंक उन वस्तुओं के लिए सीधे जवाबदेह भी नहीं होता है। बैंक में सुरक्षा ज्यादा होने की वजह से लॉकर में अपनी वस्तुएं रखना कही ज्यादा सुरक्षित होता है।

इस तरह तय होता है लॉकर का शुल्क
ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक बैंक विभिन्न आकार के लॉकर मुहैया कराते हैं, जिसके लिए वह आकार के आधार पर शुल्क तय करते हैं।

लॉकर का शुल्क उसके आकार के आलावा बैंक की शाखा के आधार पर भी तय होता है। यानी बड़े शहर में लॉकर सुविधा लेने पर आपको ज्यादा शुल्क देना होगा, वहीं छोटे शहरों में सुविधा लेने पर कम शुल्क देना होगा।

भारतीय स्टेट बैंक चार आकार वाले लॉकर की सुविधा ग्राहकों को देता है। इनके लिए मेट्रो और शहरों में 1,019 रुपये से लेकर 5,093 रुपये तक का शुल्क ले रहा है, जबकि ग्रामीण व अर्ध शहरी इलाकों में यह शुल्क 764 रुपये से लेकर 4,075 रुपये तक है।

इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक मेट्रो और बड़े शहरों में आकार के आधार पर 800 रुपये से लेकर 6,000 रुपये तक का शुल्क लेता है, जबकि ग्रामीण और अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में 600 रुपये से लेकर 6,000 रुपये शुल्क लेता है।

सार्वजनिक बैंकों की तरह निजी बैंक भी ग्राहकों को इस तरह की सुविधा देते हैं। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक सहित दूसरे बैंक आकार और शहर के आधार पर लॉकर पर शुल्क तय करते हैं, जिसमें शाखाओं के आधार पर खासतौर से शुल्क तय होते हैं।

आमतौर पर लॉकर के शुल्क की राशि सालाना आधार पर तय होती है। कुछ बैंक शुल्क राशि शुरुआत में एकमुश्त देने पर उसमें 20-25 फीसदी की छूट भी देते हैं।

इसके अलावा बैंक ग्राहक द्वारा साल में लॉकर के इस्तेमाल पर भी शुल्क तय करते हैं। जैसे भारतीय स्टेट बैंक साल में 12 बार लॉकर के इस्तेमाल पर कोई शुल्क नहीं लेता है।

उसके बाद हर इस्तेमाल पर हर 51 रुपये का शुल्क लेता है। इसी तरह पीएनबी 36 बार तक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेता। उसके बाद प्रति इस्तेमाल पर 50 रुपये का शुल्क ग्राहकों से लिया जाता है।

ई-लॉकर की भी अब मिल रही सुविधा
पारंपरिक लॉकर के अलावा अब बैंक और कुछ कंपनियां बढ़ती जरूरतों को देखते हुए ई-लॉकर की भी सुविधा ग्राहकों को दे रहे हैं।

इसके तहत ग्राहक अपने जरूरी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी (डिजिटल प्रति) सुरक्षित रख सकते हैं। इसके तहत आप प्रॉपर्टी के कागजात, टैक्स सर्टिफिकेट, बीमा पॉलिसी, कर्ज के कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड आदि जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं।

आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए यह सुविधा शुरू की है। बैंक के अलावा वन असिस्ट और क्लीटो जैसी कंपनियां भी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की सुविधाएं देती है। ग्राहक निर्धारित वार्षिक शुल्क देकर इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

ऐसे करें लॉकर का इस्तेमाल
बैंक में लॉकर रखने का सही लाभ तभी मिलता है जब इसका सटीक इस्तेमाल किया जाए। आए दिन ऐसी खबरें मिलती हैं कि परिवार कहीं बाहर घूमने गया था और चोर घर से आभूषण साफ कर ले गए।

अधिकतर मामलों में लॉकर होने के बावजूद लोग इसमें कीमती सामान रखने नहीं जा पाते। लॉकर की चाबी को भी संभाल कर रखना चाहिए। इसके खो जाने पर डुप्लिकेट चाबी बनवाने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली होती है।

ज्वाइंट लॉकर भी है बड़े काम का
ज्वाइंट एकाउंट की तरह ज्वाइंट लॉकर की सुविधा भी बैंक अपने ग्राहकों को देते हैं। इसमें दो व्यक्ति एक साझा लॉकर खुलवा सकते हैं और उनमें से कोई भी एक बैंक में जा कर लॉकर को खोल (ऑपरेट) कर सकता है।

पति-पत्नी व एक ही परिवार के सदस्यों के लिए ज्वाइंट लॉकर की सुविधा काफी उपयोगी रहती है क्योंकि इससे एक ही शुल्क में दो लोगों को लॉकर की सुविधा का लाभ मिल जाता है।

पार्टनरशिप के बीच दो लोग मिलकर एक लॉकर ले सकते हैं और दोनों के साथ रहने पर ही लॉकर ऑपरेट करने का विकल्प ले सकते हैं।