नई दिल्ली।। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने विधानसभा चुनावों में शीला दीक्षित को टक्कर देने का मन भी बना लिया है, फिर भी एक बार आप के वॉलनटिअर्स की राय जानने के लिए संडे को कंस्टिट्यूशनल क्लब में एक मीटिंग बुलाई है। उनकी राय जानने के बाद वे अपनी चुनावी सीट की घोषणा करेंगे।
हाई वोल्टेज हो जाएगी लड़ाई
शीला दीक्षित के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरकर केजरीवाल संदेश देना चाहते हैं कि नेता अपने लिए सेफ और आसानी से जीतने वाली सीट चुनते हैं, लेकिन वे लगातार तीन बार से चुनाव जीत रहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़कर इस स्ट्रैटिजी को भी तोड़ना चाहते हैं। शीला के सामने चुनाव लड़ने से यह सीट हाई वोल्टेज हो जाएगी। हर कोई कांग्रेस और आप की चर्चा करेगा। लिहाजा इस सीन से बीजेपी की चर्चा कम होगी इसका फायदा भी आप को पहुंचेगा और इसका असर दूसरी सीटों पर पड़ेगा।
आप ने चुनाव के लिए पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना शुरू कर दिया है। रणनीति है कि राजधानी की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 1 लाख 50 हजार प्रभारी बनाए जाएं। इन प्रभारियों का नाम दिया है मोहल्ला प्रभारी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 70 हजार के करीब ये प्रभारी बनाए जा चुके हैं। प्लान के मुताबिक हर 20 घरों के ऊपर एक मोहल्ला प्रभारी बनाया जा रहा है। हर विधानसभा में करीब 2 हजार मोहल्ला प्रभारी बनाने का टारगेट है। मटियाला, शालीमार बाग, पटपड़गंज, कोंडली, बवाना, सीमापुरी जैसी तमाम सीटों पर तो मोहल्ला प्रभारी बनाने का काम 50 फीसदी से भी ऊपर हो चुका है।
हर चौथे व्यक्ति से 50 रुपए की डोनेशन
चुनाव के लिए फंड जमा करने के लिए पार्टी ने राजधानी के हर चौथे व्यक्ति से 50 रुपए डोनेशन लेने की स्कीम चलाई हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव लड़ने के लिए करीब 10 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। आप सभी उम्मीदवारों को 15 लाख रुपए चुनाव लड़ने के लिए देगी क्योंकि इलेक्शन कमिशन ने चुनाव खर्च की समय सीमा 15 लाख रखी है। उम्मीदवार अपना पैसा नहीं खर्च करेंगे। अगर वे ऐसा करेंगे तो उनके खिलाफ पार्टी ऐक्शन भी ले सकती है। इलेक्शन कमिशन के नियमों के मुताबिक ही चुनाव प्रक्रिया में उतरा जाएगा। अभी तक आप पार्टी के पास काफी फंड भी जमा हो चुका है। ऐसी जानकारी भी मिली है कि इसमें से करीब 40 फीसदी के आसपास विदेशों से आ रहा है। विदेशों में रहने वाले यह डोनेशन दे रहे हैं।