देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने वाले घोषित तौर पर स्वतंत्रता सेनानी थे या नहीं, इसका भारत सरकार के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।
इस बारे में राजधानी की आरटीआई एक्टिविस्ट ऐश्वर्या पाराशर ने सूचना के तहत यह जानकारी मांगी थी। इस पर सरकार ने गोलमोल जवाब दिया।
ऐश्वर्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 25 मार्च को पत्र लिखकर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और मंगल पांडेय को स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने के आदेशों की कॉपी मांगी थी।
इस पर पीएमओ ने उनके पत्र को गृह मंत्रालय को फॉरवर्ड कर सूचना देने को कहा था। मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी व स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग निदेशक आरसी नायक ने जवाबी पत्र में गोल मोल जवाब देते हुए कोई घोषणा दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाया।
अपने जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इन सभी व्यक्तित्व ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में वीरगति पाई, यह है एक ऐतिहासिक तथ्य है। लेकिन स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन स्कीम 1980 के तहत अनिवार्यताओं को पूरा करने वालों को फ्रीडम फाइटर डिवीजन ही पेंशन देती आई है। यह काम मंत्रालय से संबंधित नहीं है।
सरकार द्वारा इस तरह की सूचना दिया जाना ऐश्वर्या ने निराशाजनक बताया है। उनका कहना है कि इस तरह के डिप्लोमेटिक जवाब देना धोखा देना है।
अगर उनके पास इन फ्रीडम फाइटर्स को जायज सम्मान देने संबंधित दस्तावेज नहीं हैं, या ऐसा कोई आदेश कभी दिया ही नहीं गया तो इसका साफ जवाब देना चाहिए।