चीन ने कहा- अमेरिका और उत्तर कोरिया पुरानी बातें भूल कर करेंगे वार्ता

बीजिंग, (रॉयटर्स)। चीन को आशा है कि मई में उत्तर कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं के बीच की नियोजित मीटिंग सुचारू से आगे बढ़ेगी और इस दौरान सभी पक्षों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। चीन परंपरागत रूप से उत्तर कोरिया का सबसे करीबी सहयोगी रहा है, लेकिन इन रिश्तों में तब दरारें आनी शुरू हुई जब किम के परमाणु हथियारों और मिसाइलों के पीछा करने के कारण बीजिंग को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा।

पिछले महीने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बीजिंग में किम की बैठक के बाद चीन ने कहा कि किम ने अपनी प्रतिनियुक्ति के प्रति वचनबद्धता और अमेरिकी अधिकारियों से मिलने का वचन दिया। बता दें कि किम और ट्रंप मई में मुलाकात करने वाले हैं। हालांकि अभी समय और स्थान तय नहीं किया गया है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर और दक्षिण कोरिया 27 अप्रैल को एक दशक के बाद अपना पहला शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।

27 अप्रैल का दिन बेहद खास

बता दें कि शांति स्‍थापित करने की ओर बढ़ चुके उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 27 अप्रैल का दिन बेहद खास है। इसी दिन दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष कोरियाई युद्ध के बाद तीसरी बार आमने-सामने होंगे। इस अहम बैठक में किम जोंग उन और मून जे के बीच शांति बहाली से लेकर इस पूरे इलाके को गैर परमाणु हथियार मुक्‍त बनाने पर वार्ता होगी। आपको बता दें कि आखिरी बार दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष 2007 में मिले थे। किम और मून की यह वार्ता दोनों देशों की सीमा पर मौजूद गांव पानमुंजम स्थित पीस हाउस में होगी। यह देखना काफी दिलचस्‍प होगा कि इस बार यह बैठक कितनी सफल हो पाती है। इस बैठक से पहले 3 अप्रैल को दोनों देशों के आर्टिस्‍ट मिल रहे हैं। इसके अलावा 4 अप्रैल को अधिकारियों की बैठक होनी है जिसमें किम और मून की बैठक से पूर्व प्रोटोकॉल, मीडिया कवरेज, सिक्‍योरिटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी।