पटना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर पहुंचे। बिहार लोक सेवा अधिनियम 2011 के ‘कुशल लोक सेवा प्रणाली से नागरिकों का सशक्तीकरण’ विषयक सेमिनार में केजरीवाल मुख्य अतिथि थे।
सेमिनार में केजरीवाल ने नीतीश कुमार के सुशासन की तारीफ की। उन्होंने केंद्र के बिहार को सवा लाख करोड़ के पैकेज को आड़े हाथों लिया। इसके माध्यम से केंद्र सरकार ने बिहार को खरीदने की कोशिश की है। नरेंद्र मोदी के बयान की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार केे लागों का डीएनए खराब कहना बिहार का अपमान है। बिहार की जनता इसका जवाब देगी।
सेमिनार की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे थे। कार्यक्रम के शुरुआत में लोक सेवाओं पर आधारित लघु फिल्म चलाई गई। सेमिनार के विषय से उपस्थित लोगों का परिचय कराने के बाद आरटीआइ एक्टिविस्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक रहना चाहिए।
मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इतने अच्छे टॉपिक पर सेमिनार रखने के लिए बिहार सरकार को बधाई दी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो बिहार में सुशासन दिखा उसकी गूंज आज दिल्ली में भी सुनाई दे रही है। 11 करोड़ लोग अब तक बिहार लोक सेवा अधिनियम का फायदा उठा चुके हैं, यह जानकर खुशी हुई। इस कार्यक्रम को बेहतर तरीके से लागू किया गया इसके लिए सभी को बधाई।
उन्होंने कहा, दिल्ली में अपने स्तर पर एक शुरुआत की है। सर्टिफिकेट्स बनवाने के लिए लोगों को बहुत परेशानी होती थी। गरीबों को दलालों का सहारा लेना पड़ता था। सभी सर्टिफिकेट्स बनवाने की प्रक्रिया को आसान कर दिया। जिन कागजों के बगैर भी कार्य हो सकता है, उनको लागू किया। अब दिल्ली में सर्टिफिकेट्स के लिए दफ्तर आने की जरूरत नहीं। साइबर कैफे से अप्लाई करके आसानी से कोई भी बनवा सकता है।
दिल्ली के अंदर हमें 70 में 67 सीटें क्यों आई इसे भी देखना होगा। मौजूदा सिस्टम से लोग त्रस्त हो चुके हैं। लोग नकारात्मक राजनीति को नकार चुके हैं। जनता सकारात्मक राजनीति चाहती है।
दिल्ली में बिजली की मांग बहुत बड़ा पॉलिटिकल मुद्दा है। मिडिल क्लास के लोगों का 10 हजार रुपये तक बिल आने लगा। हमने कहा, हमारी सरकार बनी तो बिजली का बिल आधी कर देंगे। सभी विश्वास नहीं कर रहे थे, विपक्षी पार्टियां बोलती थी कि कहां से बिजली लाएंगे।
केजरीवाल ने कहा, हमारी सरकार आई तो बिजली कंपनियों के रिकॉर्ड चेक करवाए। इसके बाद सीएजी से भी जांच करवाई। अगर सीएजी की रिपोर्ट आई तो रेट और कम हों जाएंगे। पानी को लेकर भी काफी दिक्कत थी। हमने पता किया तो जानकारी हुई 20,000 लीटर पानी की जरूरत न्यूनतम हर परिवार को होती है। हमने इतनी मात्रा को फ्री कर दिया।
उन्होंने कहा, दफ्तर में बैठकर पता नहीं चल सकता कि जनता की क्या जरूरत है। हमने मुहल्ले में जाने का अभियान चलाया। केंद्र सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, उनकी नीयत में कमी है। अगर सरकार को करना होता तो दिल्ली में कभी लाइब्रेरी न बनवाती, हमने महसूस किया आज की जरूरत है ये। दिल्ली में अब कई लाइब्रेरी बनवा रहा हूं।
सरकार बनने के तीन-चार महीने तक हमने कैंपेन चलाया। अगर कोई पैसे मांगे तो मना न करो, उसका स्टिंग करो और हमें बताओ। चार माह में 60-70 फीसद सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने पैसे लेने बंद कर दिए। चार माह में 50 भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा।
दिल्ली में ईमानदार अधिकारियों की कमी है। मैंने नीतीश जी से कहा तो उन्होंने सप्ताह भर में हमारी मदद की और यहां से अधिकारी दिए। दिल्ली सरकार का एंटी करप्शन ब्रांच है, केंद्र सरकार ने वहां अपना अफसर भेज दिया। हम लड़ तो सकते नहीं, उनके साथ। एंटी करप्शन ब्रांच को पैरा मिलिट्री फोर्स बना दिया। दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। हमारी कार्रवाई से डर गई थी केंद्र सरकार, जिसकी वजह से ऐसा कदम उठाया।
केजरीवाल ने कहा, 500 स्कूल बनाने का वादा किया था एक साल में ही 236 स्कूल बना दिए। जितने वादे किए थे सारे पूरे किए। केंद्र की सरकार आई तो बड़ी उम्मीदें थी। लोगों में और युवाओं को बहुत उम्मीद थी। काला धन लाने को कहा था, अभी तक तो कुछ नहीं किया गया।
केंद्र सरकार के लिए उन्होंने कहा, आप कालाधन ला नहीं पा रहे कोई बात नहीं, लेकिन इस दिशा में कुछ काम तो होना चाहिए। उन्होंने कहा, युवाओं को देखना है योगा करने के लिए वोट देना है या काला धन लाने के लिए। सौ करोड़ रुपये स्वच्छ भारत के प्रचार में खर्च कर दिए। आप बताइए, अगर एक गली में भी इसका असर दिखा हो।
एफटीआई इंटरनेशनल स्कूल है, वहां पढ़ने वाले युवा परेशान है। सरकार उनकी ओर भी ध्यान नहीं दे रही। भूमि अधिग्रहण किसानों के खिलाफ है। दिल्ली के अंदर किसानों को 52 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलता था, मैंने उसे सात गुना कर दिया। जब अधिग्रहण होगा साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये प्रति करोड़ मुआवजा दिया जाएगा।
लोगों के अंदर बात फैल चुकी है कि केंद्र की सरकार एंटी पुअर है। किसान विरोधी है। आज अगर दिल्ली में चुनाव हो जाए तो दावा है कि 70 में से 70 सीटें मिलेंगी। हम किसी एक के लिए कार्य नहीं करते, गरीबों के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा, हम राजनीति करते है, चुनाव के पहले राजनीति करते हैं। चुनाव के बाद देश के विकास के लिए केंद्र व राज्य के बीच समन्वय होना चाहिए। लेकिन पिछले छह माह में केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के कार्यों में जैसे रोक लगा रही है वह विकास में ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, 26 नवंबर को मुम्बई में हमला नहीं हुआ था वो देश के ऊपर हमला किया गया था। एक कमांडो की सुनने की क्षमता चली गई। हमने उसे अपनी टीम में शामिल किया, केंद्र सरकार ने हटा दिया था।
नकारात्मक राजनीति को लोग नकार चुके हैं। लोग सकारात्मक राजनीति चाहते हैं। बिहार में इस देश को कितने अच्छे-अच्छे लोग दिए हैं। बिहार ने देश को बहुत कुछ दिया है, महापुरुषों की जमीन है ये।
सेमिनार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने सुझाव दिया था की फोन पर भी शिकायत सुनी जाए। इनसे सलाह लेने के बाद हमने आरटीआई लागू किया। उद्घाटन में केजरी को भी बुलाया था। केजरी के कहने पर कॉल सेंटर स्थापित किया। लोगों की शिकायत सुनने का कार्यक्रम शुरू किया।
विकास यात्रा 2009 में शुरू की। शाम को किसी गांव में जाकर टेंट डालकर रात गुजारते थे। जिस जगह रहते थे, वहां एक कार्यक्रम होता था। बड़ी संख्या में लोग जुट जाते थे। संवाद कार्यक्रम का नाम दिया था। लोगों को आमंत्रित किया कि आप आइए और शिकायत बताइए।
नीतीश ने कहा, लोग अपनी शिकायत सुनाते थे। गांव में लोगों से मिलते थे, सुबह दो घंटा उनके साथ बिताते थे। कोई विकलांग दिखा तो अधिकारियों से पूछा पेंशन मिलता है या नहीं। जनता के बीच जाने से असलियत पता चलती थी। नीतीश कुमार ने कहा, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिया जाना चाहिए। दिल्ली और बिहार के लोग एक हो जाएं तो उसे पूर्ण राज्य का दर्जा और बिहार को विशेष पॅकेज मिल जाए।
भ्रष्टाचार से संबंधित मामले थे उनमें भी सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने का कड़ा कानून लागू किया। लोगों के बीच जाने पर ऐसा काम हो सका। उनकी आवाज सुनकर ऐसा विचार आया। इसीलिए दूसरी बार जनता ने हमें मौका दिया।
2010 में मौका मिला तो लोकसेवा अधिनियम कानून बनाया, जिसे एक साल बाद लागू किया गया। लोकसेवा अधिनियम से बिहार को फायदा हुआ। आरटीआइ ने लोगों को ताकत दी। नीतीश ने कहा, 2011 में सेवा यात्रा पर निकला, हर स्तर के लोगों से मिला उनकी तकलीफ समझी। दो साल तक यह क्रम चलता रहा। समीक्षा किया इसका तो बेहतर उपलब्धि पता चली।
अब वक्त आ गया है कि लोगों की शिकायत का निराकरण होना चाहिए। हमने इस दिशा में कार्य किया। लोगों की शिकायत खुद सुनने के साथ ही कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, एसपी सभी अधिकारियों को शिकायत सुनने का आदेश दिया। लोगों की मांग उठी तो लोकसेवा अधिकार अधिनियम कानून बनाया, जिसे 2011 में लागू किया। अब इसमें और भी फेरबदल किया जाएगा। इस कानून को और सख्त बनाया जाएगा। बिहार को इससे बहुत फायदा हुआ है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुबह 8.50 बजे पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। उनके स्वागत को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उमड़ पड़ेे। एयरपोर्ट पर उन्हें अन्ना हजारे के समर्थकों ने काले झंडे दिखाए गए। वहां अन्ना व केजरीवाल समर्थक भिड़ गए।
अन्ना हजारे की समर्थक पूनम सिसोदिया सहित कई अन्य ने काले झंडे दिखाए। पूनम सहित दो को हिरासत में लिया गया है। पूनम ने कहा कि केजरीवाल ने अन्ना का साथ छोड़ दिया, इसलिए उसने काला झंडा दिखाया।
इसके बाद अरविंद केजरीवाल स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे। वहां केजरीवाल से मिलने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल का यह पहला बिहार दौरा है।
सेमिनार के बाद दोपहर में केजरीवाल बोधगया जाएंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे। अपराह्न 02.30 बजे वे गया के लिए रवाना होंगे। बोधगया के महाबोधि मंदिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जाएंगे। शाम को पटना लौटने के बाद केजरीवाल वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इस बीच वे दोपहर को भोजन राजकीय अतिथिशाला में नीतीश कुमार के साथ करेंगे।
पटना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर पहुंचे। बिहार लोक सेवा अधिनियम 2011 के ‘कुशल लोक सेवा प्रणाली से नागरिकों का सशक्तीकरण’ विषयक सेमिनार में केजरीवाल मुख्य अतिथि थे।
सेमिनार में केजरीवाल ने नीतीश कुमार के सुशासन की तारीफ की। उन्होंने केंद्र के बिहार को सवा लाख करोड़ के पैकेज को आड़े हाथों लिया। इसके माध्यम से केंद्र सरकार ने बिहार को खरीदने की कोशिश की है। नरेंद्र मोदी के बयान की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार केे लागों का डीएनए खराब कहना बिहार का अपमान है। बिहार की जनता इसका जवाब देगी।
सेमिनार की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे थे। कार्यक्रम के शुरुआत में लोक सेवाओं पर आधारित लघु फिल्म चलाई गई। सेमिनार के विषय से उपस्थित लोगों का परिचय कराने के बाद आरटीआइ एक्टिविस्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक रहना चाहिए।
सेमिनार में बोले केजरीवाल
मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इतने अच्छे टॉपिक पर सेमिनार रखने के लिए बिहार सरकार को बधाई दी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो बिहार में सुशासन दिखा उसकी गूंज आज दिल्ली में भी सुनाई दे रही है। 11 करोड़ लोग अब तक बिहार लोक सेवा अधिनियम का फायदा उठा चुके हैं, यह जानकर खुशी हुई। इस कार्यक्रम को बेहतर तरीके से लागू किया गया इसके लिए सभी को बधाई।
उन्होंने कहा, दिल्ली में अपने स्तर पर एक शुरुआत की है। सर्टिफिकेट्स बनवाने के लिए लोगों को बहुत परेशानी होती थी। गरीबों को दलालों का सहारा लेना पड़ता था। सभी सर्टिफिकेट्स बनवाने की प्रक्रिया को आसान कर दिया। जिन कागजों के बगैर भी कार्य हो सकता है, उनको लागू किया। अब दिल्ली में सर्टिफिकेट्स के लिए दफ्तर आने की जरूरत नहीं। साइबर कैफे से अप्लाई करके आसानी से कोई भी बनवा सकता है।
दिल्ली के अंदर हमें 70 में 67 सीटें क्यों आई इसे भी देखना होगा। मौजूदा सिस्टम से लोग त्रस्त हो चुके हैं। लोग नकारात्मक राजनीति को नकार चुके हैं। जनता सकारात्मक राजनीति चाहती है।
दिल्ली में बिजली की मांग बहुत बड़ा पॉलिटिकल मुद्दा है। मिडिल क्लास के लोगों का 10 हजार रुपये तक बिल आने लगा। हमने कहा, हमारी सरकार बनी तो बिजली का बिल आधी कर देंगे। सभी विश्वास नहीं कर रहे थे, विपक्षी पार्टियां बोलती थी कि कहां से बिजली लाएंगे।
केजरीवाल ने कहा, हमारी सरकार आई तो बिजली कंपनियों के रिकॉर्ड चेक करवाए। इसके बाद सीएजी से भी जांच करवाई। अगर सीएजी की रिपोर्ट आई तो रेट और कम हों जाएंगे। पानी को लेकर भी काफी दिक्कत थी। हमने पता किया तो जानकारी हुई 20,000 लीटर पानी की जरूरत न्यूनतम हर परिवार को होती है। हमने इतनी मात्रा को फ्री कर दिया।
उन्होंने कहा, दफ्तर में बैठकर पता नहीं चल सकता कि जनता की क्या जरूरत है। हमने मुहल्ले में जाने का अभियान चलाया। केंद्र सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, उनकी नीयत में कमी है। अगर सरकार को करना होता तो दिल्ली में कभी लाइब्रेरी न बनवाती, हमने महसूस किया आज की जरूरत है ये। दिल्ली में अब कई लाइब्रेरी बनवा रहा हूं।
सरकार बनने के तीन-चार महीने तक हमने कैंपेन चलाया। अगर कोई पैसे मांगे तो मना न करो, उसका स्टिंग करो और हमें बताओ। चार माह में 60-70 फीसद सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने पैसे लेने बंद कर दिए। चार माह में 50 भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा।
दिल्ली में ईमानदार अधिकारियों की कमी है। मैंने नीतीश जी से कहा तो उन्होंने सप्ताह भर में हमारी मदद की और यहां से अधिकारी दिए। दिल्ली सरकार का एंटी करप्शन ब्रांच है, केंद्र सरकार ने वहां अपना अफसर भेज दिया। हम लड़ तो सकते नहीं, उनके साथ। एंटी करप्शन ब्रांच को पैरा मिलिट्री फोर्स बना दिया। दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। हमारी कार्रवाई से डर गई थी केंद्र सरकार, जिसकी वजह से ऐसा कदम उठाया।
केजरीवाल ने कहा, 500 स्कूल बनाने का वादा किया था एक साल में ही 236 स्कूल बना दिए। जितने वादे किए थे सारे पूरे किए। केंद्र की सरकार आई तो बड़ी उम्मीदें थी। लोगों में और युवाओं को बहुत उम्मीद थी। काला धन लाने को कहा था, अभी तक तो कुछ नहीं किया गया।
केंद्र सरकार के लिए उन्होंने कहा, आप कालाधन ला नहीं पा रहे कोई बात नहीं, लेकिन इस दिशा में कुछ काम तो होना चाहिए। उन्होंने कहा, युवाओं को देखना है योगा करने के लिए वोट देना है या काला धन लाने के लिए। सौ करोड़ रुपये स्वच्छ भारत के प्रचार में खर्च कर दिए। आप बताइए, अगर एक गली में भी इसका असर दिखा हो।
एफटीआई इंटरनेशनल स्कूल है, वहां पढ़ने वाले युवा परेशान है। सरकार उनकी ओर भी ध्यान नहीं दे रही। भूमि अधिग्रहण किसानों के खिलाफ है। दिल्ली के अंदर किसानों को 52 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलता था, मैंने उसे सात गुना कर दिया। जब अधिग्रहण होगा साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये प्रति करोड़ मुआवजा दिया जाएगा।
लोगों के अंदर बात फैल चुकी है कि केंद्र की सरकार एंटी पुअर है। किसान विरोधी है। आज अगर दिल्ली में चुनाव हो जाए तो दावा है कि 70 में से 70 सीटें मिलेंगी। हम किसी एक के लिए कार्य नहीं करते, गरीबों के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा, हम राजनीति करते है, चुनाव के पहले राजनीति करते हैं। चुनाव के बाद देश के विकास के लिए केंद्र व राज्य के बीच समन्वय होना चाहिए। लेकिन पिछले छह माह में केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के कार्यों में जैसे रोक लगा रही है वह विकास में ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, 26 नवंबर को मुम्बई में हमला नहीं हुआ था वो देश के ऊपर हमला किया गया था। एक कमांडो की सुनने की क्षमता चली गई। हमने उसे अपनी टीम में शामिल किया, केंद्र सरकार ने हटा दिया था।
नकारात्मक राजनीति को लोग नकार चुके हैं। लोग सकारात्मक राजनीति चाहते हैं। बिहार में इस देश को कितने अच्छे-अच्छे लोग दिए हैं। बिहार ने देश को बहुत कुछ दिया है, महापुरुषों की जमीन है ये।
सेमिनार में बोले नीतीश कुमार
सेमिनार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने सुझाव दिया था की फोन पर भी शिकायत सुनी जाए। इनसे सलाह लेने के बाद हमने आरटीआई लागू किया। उद्घाटन में केजरी को भी बुलाया था। केजरी के कहने पर कॉल सेंटर स्थापित किया। लोगों की शिकायत सुनने का कार्यक्रम शुरू किया।
विकास यात्रा 2009 में शुरू की। शाम को किसी गांव में जाकर टेंट डालकर रात गुजारते थे। जिस जगह रहते थे, वहां एक कार्यक्रम होता था। बड़ी संख्या में लोग जुट जाते थे। संवाद कार्यक्रम का नाम दिया था। लोगों को आमंत्रित किया कि आप आइए और शिकायत बताइए।
नीतीश ने कहा, लोग अपनी शिकायत सुनाते थे। गांव में लोगों से मिलते थे, सुबह दो घंटा उनके साथ बिताते थे। कोई विकलांग दिखा तो अधिकारियों से पूछा पेंशन मिलता है या नहीं। जनता के बीच जाने से असलियत पता चलती थी। नीतीश कुमार ने कहा, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिया जाना चाहिए। दिल्ली और बिहार के लोग एक हो जाएं तो उसे पूर्ण राज्य का दर्जा और बिहार को विशेष पॅकेज मिल जाए।
भ्रष्टाचार से संबंधित मामले थे उनमें भी सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने का कड़ा कानून लागू किया। लोगों के बीच जाने पर ऐसा काम हो सका। उनकी आवाज सुनकर ऐसा विचार आया। इसीलिए दूसरी बार जनता ने हमें मौका दिया।
2010 में मौका मिला तो लोकसेवा अधिनियम कानून बनाया, जिसे एक साल बाद लागू किया गया। लोकसेवा अधिनियम से बिहार को फायदा हुआ। आरटीआइ ने लोगों को ताकत दी। नीतीश ने कहा, 2011 में सेवा यात्रा पर निकला, हर स्तर के लोगों से मिला उनकी तकलीफ समझी। दो साल तक यह क्रम चलता रहा। समीक्षा किया इसका तो बेहतर उपलब्धि पता चली।
अब वक्त आ गया है कि लोगों की शिकायत का निराकरण होना चाहिए। हमने इस दिशा में कार्य किया। लोगों की शिकायत खुद सुनने के साथ ही कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, एसपी सभी अधिकारियों को शिकायत सुनने का आदेश दिया। लोगों की मांग उठी तो लोकसेवा अधिकार अधिनियम कानून बनाया, जिसे 2011 में लागू किया। अब इसमें और भी फेरबदल किया जाएगा। इस कानून को और सख्त बनाया जाएगा। बिहार को इससे बहुत फायदा हुआ है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुबह 8.50 बजे पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। उनके स्वागत को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उमड़ पड़ेे। एयरपोर्ट पर उन्हें अन्ना हजारे के समर्थकों ने काले झंडे दिखाए गए। वहां अन्ना व केजरीवाल समर्थक भिड़ गए।
अन्ना हजारे की समर्थक पूनम सिसोदिया सहित कई अन्य ने काले झंडे दिखाए। पूनम सहित दो को हिरासत में लिया गया है। पूनम ने कहा कि केजरीवाल ने अन्ना का साथ छोड़ दिया, इसलिए उसने काला झंडा दिखाया।
इसके बाद अरविंद केजरीवाल स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे। वहां केजरीवाल से मिलने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल का यह पहला बिहार दौरा है।
देखें : पटना एयरपोर्ट पर केजरीवाल को किसने दिखाए काले झंडे
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सेमिनार के बाद दोपहर में केजरीवाल बोधगया जाएंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे। अपराह्न 02.30 बजे वे गया के लिए रवाना होंगे। बोधगया के महाबोधि मंदिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जाएंगे। शाम को पटना लौटने के बाद केजरीवाल वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इस बीच वे दोपहर को भोजन राजकीय अतिथिशाला में नीतीश कुमार के साथ करेंगे।
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