नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ शनिवार को अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने के लिए जयपुर पहुंच चुके हैं। यहां कुछ घंटे रुकने के बाद वे अजमेर के लिए रवाना होंगे। 48 लोगों के साथ भारत के निजी दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के स्वागत में भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद जयपुर के होटल रामबाग पैलेस में शानदार लंच आयोजित कर रहे हैं। इस लंच में अशरफ को तमाम भारतीय व्यंजनों के साथ राजस्थान के मशहूर पकवान परोसे जाएंगे। जयपुर जिला प्रशासन ने होटल रामबाग पैलेस में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं। वहीं, अजमेर जिला प्रशासन ने करीब 1 हजार पुलिसवालों को दरगाह के आसपास तैनात किया है।
भारत सरकार की इस दरियादिली के बावजूद अशरफ की यात्रा विवादों में घिर गई है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने अशरफ की यात्रा का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस साल 8 जनवरी को पड़ोसी देश की सेना भारत के दो वीर सपूतों के सिर काट ले गई थी। इन शहीदों में से एक हेमराज का परिवार पाकिस्तानी पीएम की यात्रा का विरोध कर रहा है। शहीद हेमराज की मां ने कहा है कि अगर पाकिस्तानी पीएम आ रहे हैं तो उनके बेटे का सिर लेकर आएं। हेमराज की मां ने मथुरा में कहा है कि अगर अशरफ ऐसा नहीं करते हैं तो उनका विरोध होना चाहिए। जबकि कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए कैप्टन सौरभ कालिया के पिता ने भी अशरफ की यात्रा का विरोध किया है। शहीदों के परिवार वालों के अलावा अजमेर के कई व्यापारी संगठन भी अशरफ की यात्रा का विरोध कर रहे हैं। अजमेर के व्यापारियों का कहना है कि वे अशरफ की यात्रा के विरोध में अपनी दुकानें बंद रखेंगे और अशरफ के जाने के बाद दरगाह की धुलाई करेंगे। अजमेर के वकील भी इस यात्रा का विरोध कर रहे हैं। लेकिन विरोध की इन तीखी आवाजों के बावजूद भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अशरफ के लिए जयपुर में लंच का आयोजन कर रहे हैं।
जयपुर रवाना होने से पहले विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘अतिथि सत्कार में शिष्टाचार के तहत क्या करना होता है, सबको पता है।’ ऐसे में सवाल उठता है कि भारत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मेजबानी क्यों कर रहा है?