यदि आपने होम लोन या ऑटो लोन लिया है, तो फिलहाल उसकी मासिक किस्त कम नहीं होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को अपनी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। यह उम्मीद की जा रही थी कि चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक गवर्नर ब्याज दरों में कटौती की घोषणा करेंगे, जिसके चलते बैंक आने वाले समय में कर्ज सस्ता करेंगे और इसका लाभ ग्राहकों के साथ-साथ उद्योगों को भी मिलेगा। बहरहाल, सस्ते कर्ज के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को मौद्रिक नीति में यथास्थिति बनाए रखने का बचाव करते हुए कहा कि हम मौद्रिक नीति पर ढुलमुल रवैया नहीं चाहते हैं। ब्याज दरों में कटौती से पहले हम विभिन्न कारकों खासकर महंगाई के मसले सुनिश्चित होना चाहते हैं। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 8 फीसदी और कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है।
राजन ने कहा कि मौद्रिक नीति की नई व्यवस्था अपनाने के मसले पर सरकार के साथ बातचीत चल रही है। जनवरी 2016 और उससे आगे खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी (2 फीसदी कम या अधिक) रखा गया है। रिजर्व बैंक अपनी स्थिति में कोई बदलाव करने से पहले महंगाई की रफ्तार को लेकर अधिक सुनिश्चित होना चाहता है।
राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक यह नहीं चाहता की एक बार दरों में कटौती की जाए और फिर अगली दफा बढ़ा दी जाए। हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि यदि महंगाई में निरंतर गिरावट जारी रहती है, तो अगले साल की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। रिजर्व बैंक ने जनवरी 2016 तक खुदरा महंगाई को 6 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा है। अक्तूबर में खुदरा आधारित महंगाई घटकर 5.52 फीसदी पर आ गई जबकि इसी महीने थोक महंगाई पांच साल के निचले स्तर 1.8 फीसदी पर दर्ज की गई।