प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्तावित ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक में हर सदस्य देश की बराबर की हिस्सेदारी चाहते हैं। मंगलवार को ब्रिक्स सम्मेलन शुरू होने से पहले ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ मुलाकात में वह इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ उठाएंगे।
पांच देशों के इस संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। सभी सदस्य देश 50 अरब डॉलर की राशि के साथ ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक शुरू करने पर पहले ही सहमत हो चुके हैं।
अब भारत चाहता है कि इस राशि में सदस्य पांच देशों की बराबर की हिस्सेदारी (10-10 अरब डॉलर) हो। भारत नहीं चाहता कि इसमें वही विसंगति घुस जाए जो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में है, जहां अमेरिका और जापान जैसे देशों का वर्चस्व है।
पीएम मोदी यहां ब्रिक्स के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था में सुधार के संबंध में इस सम्मेलन की संभावित पहल पर इन नेताओं से पीएम मोदी चर्चा करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भारत का प्राथमिक लक्ष्य है प्रस्तावित ब्रिक्स विकास बैंक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, पांचों सदस्यों के शेयर बराबर बराबर हों।
प्रस्तावित बैंक की अध्यक्षता और इसका नाम भी भारत के लिए प्राथमिकता का मुद्दा होगा। निश्चित तौर पर भारत चाहेगा कि इसे ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ कहा जाए जिसकी चर्चा रविवार को पीएम के ब्राजील रवाना होने से पूर्व जारी बयान में की गई।
मोदी के रविवार के प्रस्थान वक्तव्य में कहा गया है कि मैं ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक सहयोग तथा वैश्विक आर्थिक स्थिरता एवं संपन्नता को आगे बढ़ाने की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों को और आगे बढ़ाने की चर्चा की भी उम्मीद करता हूं।
शी और पुतिन दोनों ही इस साल क्रमशऱ् सितंबर और नवंबर-दिसंबर में भारत यात्रा पर आने वाले हैं। शी के साथ मोदी की यह पहली मुलाकात होगी जबकि पुतिन से वे इससे पहले मिल चुके हैं।