मुंबई। नरेंद्र मोदी की महाजीत पर शुक्रवार को दलाल स्ट्रीट में भी जयकारे गूंजे। जोश में आए निवेशकों ने सत्र के शुरुआती दौर में ऐसी ताबड़तोड़ लिवाली कर डाली कि सेंसेक्स 25 हजार अंक का आंकड़ा पार कर गया। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का यह संवेदी सूचकांक 1470 अंक की उड़ान भरते हुए 25375.63 अंक के उच्चतम स्तर को छू गया। मगर बाद में भारी मुनाफावसूली लौटने से इस स्तर पर टिक नहीं पाया। इस दिन सेंसेक्स 216.14 अंक की बढ़त के साथ 24121.74 के नए शिखर पर बंद हुआ। इस तेजी से निवेशकों को एक ही दिन में सीधे एक लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ।
बीते दिन भी इस सूचकांक में 90 अंक की बढ़त दर्ज हुई थी। आम चुनाव को खत्म होने के बाद से मोदी की सरकार बनने की उम्मीद में सेंसेक्स में करीब 1560 अंक की तेजी आई थी। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी शुक्रवार को एक समय 440.35 अंक से ज्यादा उछलकर 7563.50 का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुआ। मगर यह सूचकांक भी इस स्तर से नीचे आकर 79.85 अंक की तेजी के साथ 7203 की नई ऊंचाई पर बंद हुआ।
स्थायी सरकार बनने और आर्थिक सुधार की बयार बहने की उम्मीद में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ 24271.54 अंक खुला। सुबह दस बजे यह 25375.63 अंक के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। कारोबार के दौरान मुनाफावसूली के दबाव में यह नीचे में 23873.16 अंक तक आया। सेंसेक्स की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर एक समय नौ फीसद से ज्यादा उछल गया था। हालांकि यह बाद में ढाई फीसद से कुछ ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुआ।
आइटी, एफएमसीजी, हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी को छोड़कर इस दिन बीएसई के अन्य सभी सूचकांक बढ़त पर रहे। रीयल एस्टेट सूचकांक तो करीब छह फीसद की छलांग लगा गया। बैंकिंग, पीएसयू, पावर और कैपिटल गुड्स के शेयरों को भी लिवाली का लाभ मिला। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 18 के शेयर फायदे में रहे, जबकि 12 लुढ़के।
—-टेबल——
पचीस हजारी सफर
11 दिसंबर, 2007 – 20000
8 जनवरी, 2008 – 21000
10 मार्च, 2014 – 22000
09 मई, 2014 – 23000
13 मई , 2014 – 24000
16 मई, 2014 – 25000