इससे पहले मोदी ने संकट को सुलझाने के लिए बुधवार की रात संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी, जबकि सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी ने भी आडवाणी से मुलाकात की थी। बाद में गडकरी और सुषमा पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे।
मोदी से तनावपूर्ण संबंध के अलावा आडवाणी की नाराजगी के कई कारण बताए जा रहें हैं। आडवाणी के कट्टर समर्थक और अहमदाबाद (पूर्व) से मौजूदा सांसद हरिन पाठक के टिकट कटने की चर्चा है। भोपाल से लड़ने की इच्छा को आडवाणी की अपने नजदीकी को टिकट दिलाने के लिए मोदी पर दबाव की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि हरिन पाठक को अहमदाबाद (पूर्व) से टिकट देने की घोषणा अब हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही दिन पहले अपने पुराने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर से ही चुनाव लड़ने की सार्वजनिक इच्छा जता चुके आडवाणी अब शायद इससे खफा है कि उनकी सीट घोषित होने में देर क्यों लगी, जबकि पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं को लेकर संशय पहले ही खत्म हो गया था। सूत्रों के मुताबिक पहली पांच लिस्टों में भी नाम की घोषणा न होने से वह आहत थे। इसी बीच भोपाल से उनको लड़ने का अनुरोध आया और यह बढ़ता गया, तो पार्टी के गलियारों में आडवाणी समर्थकों ने पूछ लिया कि जब सब अपनी पसंद की सीट पर लड़ रहे हैं, तो वह अपनी पसंद की भोपाल सीट पर क्यों नहीं लड़ सकते? इशारा मोदी की पसंद की वाराणसी, राजनाथ सिंह की पसंद की लखनऊ और ऐसी ही अन्य सीटों और नेताओं की तरफ था।
सूत्रों ने बताया कि आडवाणी को इस बात का भी कष्ट है कि गुजराज बीजेपी यूनिट ने उनका विरोध किया था, लेकिन मुख्यमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश समिति ने गांधीनगर से उनका अकेला नाम भेजा। गुजरात में आडवाणी के करीबी एक बीजेपी लीडर ने कहा कि उनको अहसास है कि गुजरात में पार्टी काडर उन्हें हो सकता है कि पूरा सपोर्ट न दे। 2009 के कैंपेन में भी उन्हें ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला था। बीजेपी लीडर ने कहा कि इसे देखते हुए आडवाणी ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का न्योता स्वीकार करने का फैसला किया था।
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति के एक सदस्य ने बताया कि मोदी बैठक में कहते रहे कि आडवाणी को किसी भी कीमत पर गांधीनगर से लड़ने के लिए मनाया जाना चाहिए। दरअसल, गुजरात से उनके चले जाने से मोदी पर बुरा असर पड़ा होता। इससे विरोधियों को पूरे कैंपेन के दौरान निशाना साधने के लिए हथियार मिल जाएगा कि मोदी पार्टी के सबसे सीनियर लीडर को अपने राज्य में जगह नहीं दे सके। दूसरा डर यह था कि आडवाणी अगर भोपाल से चुनाव लड़ते हैं तो कहीं गुजरात के विकास की तुलना वह फिर से मध्य प्रदेश से न कर दें।
बुधवार को बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों के नाम तय किए। इसमें मथुरा से हेमा मालिनी को जबकि जयपुर (ग्रामीण) से ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले निशानेबाज राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया गया। बीजेपी की ताजा लिस्ट में गुजरात और राजस्थान के 21-21 कैंडिडेट्स, यूपी के 15, बिहार के 3, महाराष्ट्र के 2 और केरल, झारखंड, अंडमान निकोबार, दादर एवं नागर हवेली और दमन और दीव से एक-एक कैंडिडेट शामिल हैं।