राज्यसभा के हरी झंडी दिखाने के एक दिन बाद बुधवार को लोकसभा ने भी लोकपाल विधेयक को पास कर दिया।
इससे पहले पर बहस शुरू होते ही सदन में हंगामा मच गया। कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकपाल बिल पेश किया।
इसके बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर इस बिल को पारित किया जाता है, तो यह सत्र ऐतिहासिक हो जाएगा। संसद को यह मौका नहीं गंवाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “एक बुजुर्ग समाजसेवी लोकपाल बिल को पारित कराने के लिए बार-बार अनशन कर रहा है और हर बार बात टल जाती है। इसका श्रेय अन्ना हजारे को जाता है।”
सुषमा ने यह भी कहा कि लोकपाल बिल को पारित कराने का श्रेय लेने की होड़ नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह मौका 45 साल बाद आया है और लोकपाल बिल पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी कुछ और विधेयक भी लंबित हैं, जिन्हें पास करने के लिए सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने लोकपाल बिल का कड़ा विरोध किया। पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोकपाल बिल किसी भी हालत में पारित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं सोनियाजी से इसे वापस लेने का आग्रह करता हूं। अगर यह पास हुआ, तो यह कलंक होगा।”
मुलायम ने कहा कि जनता इस बिल से परेशान होगी। उन्होंने कहा कि इस बिल के लागू होते ही कोई दरोगा भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सवाल कर सकेगा। इसके बाद समाजवादी पार्टी वॉकआउट कर गई।