यदि आपकी करेंसी (नोट) पर कुछ लिखा हुआ है तो उन्हें जल्द बदल दें। नए नियमों के तहत 1 जनवरी के बाद इस तरह की करेंसी को बैंक नहीं लेंगे।
दरअसल, नोटों पर नाम और नंबर समेत अन्य बातें लिख देने से हर साल बैंक को करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है। इससे बचने के लिए आरबीआई ने बैंकों को 1 जनवरी 2014 के बाद लिखी हुई करेंसी नहीं लेने का निर्देश दिया है।
नतीजतन ऐसे नोट 1 जनवरी से बेकार हो जाएंगे। दूसरी ओर, जिन लोगों के पास लिखावट वाले नोट हैं वे उन्हें 31 दिसंबर 2013 तक किसी भी बैंक में जाकर दे सकते हैं। इसके बदले में वे नए नोट प्राप्त कर सकते हैं। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि लिखावट वाली करेंसी आती है तो उसे अपने पास रोक लें, ग्राहक को न दें। साथ ही लिखावट वाले नोटों के बदले में नए नोट दे दें।
आरबीआई की ओर से निर्देश मिल गए हैं। फिलहाल बैंकों को लिखावट वाली करेंसी बदलने और ग्राहकों को नहीं देने को कहा गया है। साथ ही 1 जनवरी के बाद लिखावट वाले नोट नहीं लेने का आदेश दिया है। नोटों पर कुछ लिख देने से हर साल बैंकों को करोड़ों का नुकसान होता है।
बैंक भी नहीं हैं पीछे
करेंसी पर लिखावट के मामले में बैंक भी आम लोगों से पीछे नहीं हैं। बैंक क्लर्क गिनती याद रखने के लिए नोटों के ऊपर अक्सर नंबर लिख देते हैं।
ऐसे उम्र कम होती है
आप भले ही शौकिया तौर पर करेंसी पर कलम चलाते हों, लेकिन इस शौक से नोट खराब होता है और उसकी उम्र कम हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार जो करेंसी 20 साल तक चलनी चाहिए वो कुछ भी लिख देने से दो या तीन साल में ही खराब हो जाती है। इसके कारण हर साल आरबीआई को खराब नोटों की जगह भारी संख्या में नए नोट जारी करने पड़ते हैं।