चुनावी साल में आम आदमी को लुभाने के लिए सरकार आयकर छूट का दायरा 3 लाख रुपये तक बढ़ा सकती है। महंगाई के मोर्चे पर जूझ रही सरकार मतदाताओं को रिझाने के लिए यह दांव चल सकती है। वित्त मंत्रालय में डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) को लेकर हलचल तेज हो गई है।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि डीटीसी विधेयक को संसद के आगामी सत्र में लाने की कोशिश की जा रही है। सरकार ने डीटीसी पर स्थायी समिति की अधिकांश सिफारिशें मान ली हैं। समिति ने आयकर छूट 3 लाख रुपये करने और आयकर स्लैब को महंगाई से जोड़ने जैसे सुझाव दिए गए हैं।
फिलहाल आयकर छूट की सीमा सालाना 2 लाख रुपये है। इसके बाद 5 लाख रुपये तक 10 फीसदी, 5-10 लाख तक 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी आयकर लगता है।
स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशों में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में ज्यादा राहत दिए जाने की पैरवी भी की है। हालांकि, अभी डीटीसी विधेयक के मसौदे को कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है लेकिन वित्त मंत्रालय की तैयारियों को देखते हुए लगता है कि डीटीसी के जरिए सरकार चुनावी साल में कई बड़ी राहतों का ऐलान करने का मन बना रही है।
डीटीसी विधेयक पर वित्त की स्थायी समिति ने पिछले साल मार्च में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसके मसौदे में आयकर छूट की सीमा 2 लाख रुपये ही रखी गई है लेकिन इसमें 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई पर 35 फीसदी टैक्स वसूलने के लिए नया स्लैब जोड़ने का प्रस्ताव है। करोड़ रुपये से ज्यादा डिविडेंड आय पर 10 फीसदी टैक्स की बात भी कही गई है।