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NCRKhabar Exclusive: 116 दिन बाद किसान आंदोलन का फूलने लगा दम, 12 सितंबर को डेरा डालो घेरा डालो से तय होगा प्राधिकरण, नेताओ और किसानों में कौन जीतेगा ?

116 दिन से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन की परिणिति क्या होगी, इससे बड़ा प्रश्न अब यह उठने लगा है कि क्या यह किसान आंदोलन किसी समाधान की जगह प्राधिकरण ओर भाजपा नेताओं के खिलाफ किसान नेताओं के बीच नाक का प्रश्न बन गया है ? या फिर कोई अदृश्य शक्ति इस आंदोलन को लगातार हवा देने का कार्य कर रही है जिससे इसको 2024 के लोकसभा चुनाव तक जिंदा रखा जा सके ?

यह प्रश्न इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि बीते दिनों संवाद टूटने के बाद शुरू हुए आंदोलन के 112 दिन राज्य सभा सांसद सुरेंद्र नागर और जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की पहल पर एक बार फिर से जब किसान नेता प्राधिकरण के अधिकारी और दोनों जनप्रतिनिधि की बैठक होने की सूचना आई तो ऐसा लगा कि किसानों की मांगों पर प्रशासन और नेता दोनो ही एक बार फिर सकारात्मक भाव से जुड़ रहे है ।

स्वयं उससे एक दिन पहले किसान आंदोलन के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने एनसीआर खबर के साथ एक परिचर्चा में स्वीकार किया कि उनकी 21 मांगों में से 17 मांगों को प्रशासन स्वीकार कर चुका है अब सिर्फ चार मांगों को लेकर यह आंदोलन चल रहा है जिसमें रोजगार और भूमि का मामला बहुत बड़ा है उन्होंने यह भी बताया कि दोनों जनप्रतिनिधियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि शायद इन बातों को लेकर एक समाधान प्राधिकरण के अधिकारी भी सकारात्मक रूप से ले चुके हैं और संभव है मीटिंग के बाद आंदोलन को स्थगित किया जाएगा ।

ऐसे में मीटिंग के बाद जब किसान नेताओं ने प्राधिकरण पर मिनट्स ऑफ मीटिंग को लिखकर ना देने के आरोप लगाते हुए अपने आंदोलन को जारी रखने और 12 सितंबर को डेरा डालो घेरा डालो की अपने पूर्व घोषित उग्र आंदोलन को करने की योजना की घोषणा की तो यह प्रश्न भी उठाना शुरू हुआ कि क्या भाजपा के जनप्रतिनिधि एक बार फिर से किसान और प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच सामंजस्य से बैठाने में असफल साबित हो गए हैं ? या फिर कोई और ऐसी ताकत है जो संवाद की टेबल पर आए तीनों स्टेकहोल्डर को फिर से एक होकर आगे बढ़ने देना नहीं चाहती है।

इस बात का प्रमाण दो दिन बाद इस सभा में समाजवादी पार्टी के सरधना विधायक अतुल प्रधान के शामिल होने के समाचार से भी पुख्ता हुआ है । प्रचार अभियान के दौरान विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि आपका मुद्दे वाजिब हैं आपके आंदोलन के पूरी तरह साथ हूं जीतने तक साथ रहूंगा आपके डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम में प्राधिकरण पर सबसे पहले ताला डालने का काम मैं करूंगाl माना जा रहा है कि घोसी में समाजवादी पार्टी की जीत से उत्साहित होने के बाद पश्चिम में इस आंदोलन के सहारे समाजवादी पार्टी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है तो आंदोलन में लगे कई नेताओं के लिए इस बहाने उनके खर्चों को पूरा करने की आसानी होते दिख रही है ।

समाजवादी पार्टी के सरधना विधायक अतुल प्रधान की गौतमबुध नगर मे आकार किसान आंदोलन को उग्र करने की रणनीति पर पहले भी प्रश्न उठे है l लोगो का कहना है कि क्या ये उनके गौतम बुध नगर लोकसभा सीट पर INDIA गठबंधन से टिकट मांगने का कारण है या फिर वो पश्चिम मे चौधरी चरण सिंह कि विरासत को संभाल रहे आरएलडी नेता जयंत चौधरी या राजेश पायलेट के बाद सचिन पायलेट की जगह को समाजवादी पार्टी की ओर से भरना चाहते है l

यह सर्वविदित है कि इतने लंबे किसान आंदोलन को जीवित रखने के लिए प्रतिदिन होने वाला खर्च 15 से 25 हजार हो सकता है । ऐसे में 100 दिन से ज्यादा चलने वाले आंदोलन में कितना पैसा अब तक खर्च हो चुका है इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है । किसानों के बीच भी चर्चा है कि आखिर कितने दिन और इस खर्च को बर्दाश्त किया जा सकेगा, कौन इसके लिए पैसा देगा ?

116 दिनों से चलते इस आंदोलन के थकने की सूचना के बीच किसान आंदोलन से जुड़े सूत्रों की माने तो डेरा डालो घेरा डालो कार्यक्रम इसी आंदोलन में पुनः जान फूंकने और इसे राजनीतिक लाभ लेने वाले नेताओं को यह संदेश देने कोशिश है कि अगर इससे उन्हें कोई राजनीतिक लाभ लेना भी है तो इसके लिए होने वाले खर्च को उन्हें ही वहन करना पड़ेगा ।

किसान आंदोलन पर होने वाले खर्च को अगर हम एक तरफ रख भी दें तब भी जिले की जनता के बीच एक हम चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या किसी आंदोलन में शत प्रतिशत मांगों को मानने की कोई शर्त होती है । अगर सरकार 21 में से 17 मांगों को मान चुकी है तो फिर इस आंदोलन को लगातार जारी रखने और उग्र रखने की धमकी देने के क्या मायने हो सकते हैं ?

किसान आंदोलन के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने जहां इस प्रश्न के उत्तर में 17 पुरी की गई मांगों को बहुत छोटा पक्ष बताया वही महत्वपूर्ण चार मांगों के पूरा न होने पर चिंता भी जताई है किंतु इस प्रश्न का उत्तर देने में नाकाम रहे है कि यदि पुराने सीईओ ऋतू माहेश्वरी के जिद्दी रवैए विरोध के बाद आए नए सीईओ रवि एन जी ने आने के बाद उनसे लगातार संवाद किया है और उनकी तमाम छोटी मांगों को ही पूरा करने में अपने ना सिर्फ दिलचस्पी दिखाई है बल्कि उन्हें पूरा भी किया है तो फिर किसान नेता अभी तक बैठक में की गई बातों को लेकर लिख कर देने पर ही क्यों उड़ गए।

ये प्रश्न महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि अगर सरकार को ना करना ही होगा तो वह लिखकर देने के बाद भी ना कर सकती है जैसा कि बीते समय राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नगर की मध्यस्थता में किए गए समझौते के मामले में हुआ । किंतु अगर वह 21 में से 17 मांगे पूरी करने के बाद बाकी 4 हां करने की कोशिश भी कर रहे हैं तो उन पर एक बार और विश्वास न करने के पीछे कारण क्या है ?

ऐसे में 12 सितंबर को अब किसान आंदोलन के उग्र होने की संभावना और डेरा डालो घेरा डालो के तहत किसानों की मांगों के पीछे विपक्ष के नेताओं के खड़े दिखाने के बाद संभावना यह दिख रही है कि कहीं यह आंदोलन राजनेताओं की महत्वाकांक्षा के बीच मजाक बनाकर ना रह जाए । किसी छिपे हुए विशेष एजेंडे के अंतर्गत इस आंदोलन को लगातार जारी रखने के लिए आवश्यक वित्तीय जरूरतो को पूरा करने के लिए बैठे मासूम किसान कहीं इन नेताओं की राजनीति के लिए मोहरा ना बन जाए ।

महत्वपूर्ण यह भी है कि विपक्ष को आंदोलन के बहाने राजनीति करते देखकर अब तक चुनाव के डर से ही सही विनम्र दिख रही उत्तर प्रदेश सरकार कहीं किसानों पर निर्मम और निरंकुश ना हो जाए और यह आंदोलन उग्रता की आड़ में समाप्त हो जाए । ऐसे में इन संभावनाओं में सत्ता पक्ष या किसान नेताओं के नुकसान को सोने की जगह किसानों के लाभ और हानि सोचने की सख्त जरूरत है पर क्या ये हो पाएगा ये समय तय करेगा ।

आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते दशक भर से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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