ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक इको विलेज में सामने आई बैचलर किरायेदारों पर तुगलगी सोच, नेता बोले बैचलर को किराए पर ना दें फ्लैट, फ्लैट मालिक बोले फ्लैट हमारा हम किसी को दें
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटिओं में बिल्डर और बायर्स के झगड़ों के बाद सुपरटेक इकोविलेज 1 में नए तरीके का विवाद शुरू हो गया है । अभी तक बिल्डर से परेशान बायर्स अब फ्लैट ओनर्स बनकर किरायदारो के प्रति दोयमदर्जे की सोच रखने लगे है । इको विलेज के कुछ निवासियों ने इकोविलेज बन में मकान मालिकों द्वारा बैचलर्स को किराए पर मकान देने पर आपत्ति जताई है, सोसाइटी के कुछ स्वयंभू नेताओं का कहना है कि बैचलर हंगामा करते हैं और गाना बजाना करते है । नेताओ की इस मांग को बल इस बात से मिलता है कि इको विलेज वन में बाकायदा इस बात के आदेश मेंटेनेंस मैनेजमेंट टीम की तरफ से लगाए गए हैं जिसमें कहा गया है कि अपने फ्लैट को सिर्फ परिवारों को दें । बैचलर किराएदार यहां प्रतिबंधित हैं। एसएम प्रश्न यह भी उठता है कि क्या सुपरटेक मैनेजमेंट के समर्थन वाले कुछ लोग ही इस तरीके के आवाज उठा रहे हैं ?

सोसाइटी में फैसिलिटी और फ्लैट पजेशन के नाम पर सुपर टेक बिल्डर दिवालिया हो चुका है किंतु इस तरीके के तुगलगी सोच को लोग क्यों उठाते रहते हैं कई बार तो ऐसा लगता है कि सोसाइटी में लोगों को 24 घंटे सातों दिन मनोरंजन के लिए कोई ना कोई मुद्दा चाहिए रहता है । इसलिए बिल्डर के जेल जाने के बाद कुछ नहीं तो ऐसे आदेश दे दो
फ्लैट ऑनर
इको विलेज में किरायेदार को लेकर को होते रहते है नए नए प्रयोग
ऐसा नहीं है कि बैचलर्स को लेकर आई इस तुगलगी मांग को लेकर मकान मालिकों की प्रतिक्रिया सहमति की ओर है। अधिकांश फ्लैट मालिकों का कहना है की सोसाइटी में मैनेजमेंट किरायेदारों को लेकर तमाम नए नियम लाता रहता है । बीते दिनों भी ऐसी जानकारियां आई थी जिसमें फैसिलिटी मैनेजमेंट ने कुछ ऐसे नियम भी फ्लैट ओनर्स पर थोपने की कोशिश की थी जो सामान्य तौर पर सही नहीं कहे जा सकते थे जिसका विरोध हुआ था । ऐसे में अब ev1 प्रबंधन के नाम से लगे ऐसे तो लगी नोटिस प्रकरण पर फ्लैट ओनर्स और पुलिस प्रशासन क्या एक्शन लेता यह देखने वाली बात होगी ।
फिलहाल सोसाइटी में इस चर्चा के आने के बाद लगातार प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या बैचलर सोसायटिओं और सेक्टर में रहने लायक नहीं होते हैं। जिस शहर के अंदर एजुकेशन हब बनाया गया हो, जिस शहर को उत्तर प्रदेश का इंडस्ट्रियल शो विंडो कहा जाता है । जहां पर पूरे देश से लोग नौकरी करने आते हो वहां पर इस तरीके से बैचलर्स को मकान ना देने की मांग कितनी जायज है ? क्या ऐसी मांग करने वाले सभी लोग अपने जीवन में कभी बैचलर्स बनकर किराए पर नहीं रहे है ।
विवाद के बाद सुपरटेक की ही एक अन्य सोसाइटी में ऐसे आदेश हुए थे वापस
वही लोगों ने इस तरीके के प्रकरण के सामने आने के बाद कहा कि ऐसा प्रकरण बीते दिनों सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट में भी हुआ था जब वहां की AOA ने इस तरीके के अमानवीय आदेश को निकाला था जिसके बाद इस प्रकरण पर किराएदार और मकान मालिक दोनों विरोध पर उतर आए थे वही मामला मीडिया में आने के बाद उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने स्वत संज्ञान लेते हुए अपने पदाधिकारियों से बात करके ऐसे फरमान को हटाने का आदेश दिया था जिसके बाद AOA ने ऐसे तुगलकी आदेश को वापस लिया था । सोसाइटी के एक व्यक्ति ने एनसीआर खबर को चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ऐसे सारे तुगलकी आदेश सुपर टैक से संबंधित सोसाइटी में ही होते हैं