राजेश बैरागी l तुस्याना गांव की सरकारी भूमि का करोड़ों रुपए मुआवजा उठाने के घोटाले में आरोपी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व प्रबंधक व भाजपा विधायक नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी का ठीक आठ महीने बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उसके साथ प्राधिकरण के ही एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमल सिंह को भी जमानत हासिल हो गई है।
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पहले थाना इकोटेक थर्ड ग्रेटर नोएडा में दर्ज एक एफआईआर में आरोपी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का पूर्व प्रबंधक कैलाश भाटी पिछले वर्ष 16 नवंबर से गौतमबुद्धनगर जिला जेल में बंद है। उसके साथ ही प्राधिकरण का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमल सिंह भी जेल में है।
कैलाश भाटी भाजपा के एम एल सी और क्षेत्र के कद्दावर नेता नरेंद्र भाटी का भाई है।उसे जमानत पर रिहा कराने के लिए अभी तक जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर से लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद तक किये गये सभी प्रयास विफल रहे थे। सूत्रों के अनुसार अब जाकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने कैलाश भाटी और कमल सिंह की जमानत पर रिहा करने की अपील स्वीकार कर ली है। हालांकि इस संबंध में अभी तक जिला न्यायालय गौतमबुद्धनगर को उच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
स्मरण रहे कि ग्रेटर नोएडा के गांव तुस्याना में अरबों रुपए की लगभग पौने दो सौ बीघा सरकारी भूमि का धोखाधड़ी से मुआवजा उठाने और उसके बदले प्राधिकरण से किसान आबादी आवासीय भूखण्ड प्राप्त करने तथा उसे प्राईम लोकेशन पर शिफ्ट कराने का यह घोटाला दो वर्ष पूर्व उजागर हुआ था। एक गैर सरकारी संगठन सच सेवा समिति ट्रस्ट के हरीश पायल ने न्यायालय के माध्यम से इस संबंध में थाना इकोटेक थर्ड में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी।कुल छः लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद कराया गया था। उनमें से चार लोग पहले ही अग्रिम जमानत पर बाहर हैं। कैलाश भाटी और कमल सिंह को तमाम प्रयासों के बावजूद जमानत हासिल नहीं हो सकी थी। सूत्रों के अनुसार आगामी एक दो दिन में दोनों का जमानत आदेश यहां पहुंच जाएगा।