विश्व पर्यावरण दिवस : प्रतीक विस्टीरिया में पानी की बर्बादी से पारस टियरा में पानी की कमी तक नोएडा के दो समाचार और हम
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून

इस धरा पर सबसे स्वार्थी प्रकृति मनुष्य प्रजाति की है और वो अपने स्वार्थ और स्वास्थ्य के लिए लगातार प्रकृति का दोहन और पर्यावरण को दूषित करता रहता है । आज विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित समाचारों के निमंत्रण के बीच नोएडा से ही दो ऐसे समाचार है जो व्यथित करते है ।
पहला समाचार रविवार को नोएडा की प्रतीक विस्टीरिया (Prateek Wisteria) सोसाइटी में AOA द्वारा आयोजित रेन डांस का है जिसमें AOA के द्वारा हजारों लीटर पानी गर्मी मिटाने के नाम पर बहा दिया गया । वहीं नोएडा की ही एक अन्य सोसाइटी पारस टियरा (Paras Tierea) में लोगो ने पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रदर्शन कर बिल्डर पर साफ पानी ना देने के आरोप लगाए और बताया कि पानी ना मिलने की वजह से लगभग 16000 लोग परेशान हैं। देर शाम तक इस मामले को लेकर लोगों ने हंगामा किया । डीसीपी राम बदन सिंह के पास जाकर शिकायत तक की । समाधान के लिए बिल्डर ने कई प्लंबरो को बुलाया, समाचार लिखे जाने तक पानी की समस्या का समाधान हुआ या नहीं हुआ इसकी जानकारी नहीं है। पानी की समस्या लेकर नोएडा की सोसायटियो और सेक्टर्स में ऐसी घटनाएं कोई नई नहीं है लेकिन नोएडा की नव धनाढ्य सोसायटियो में पानी की बर्बादी के आरंभ होते ऐसे आयोजन जिन पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है।

ऐसे विश्व पर्यावरण दिवस पर इन समाचारों को देखने के अपने अपने नजरिए हैं। कुछ लोगों को जहां पानी मैं सामूहिक नहाने और नृत्य के आयोजन में आनंद आ रहा है वहीं शहर का एक बड़ा हिस्सा पानी को लेकर परेशान हैं मगर यह मानव प्रवृत्ति है, मनुष्य सुख के समय संसाधनों की बर्बादी और प्रकृति से छेड़छाड़ अपना अधिकार समझता है वही कमी होने पर उसे बिल्डर, प्राधिकरण, प्रशासन या सरकारो के माथे रखकर रोष जताता है
नोएडा में ऐसे प्रश्न इसलिए भी महत्व पूर्ण है क्योंकि नोएडा में पानी की उपलब्धता हरिद्वार से आ रहे गंगा जल पर निर्भर है ऐसे में इस आयोजन पर प्रश्न उठने जरूरी हैं और साथ ही नोएडा प्राधिकरण की यह जिम्मेदारी भी है कि वह ऐसे आयोजनों के आयोजन करता को दंडित करें ताकि इस तरीके की प्रवृत्ति को रोका जा सके। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे के आने के बाद मैंगो मैन अमित गुप्ता नामक एक व्यक्ति ने रेन डांस के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस सोसाइटी की आप बात कर रहे हैं वह सोसाइटी में हर रोज 600000 लीटर पानी रिसाइकल करके यूज़ किया जाता है हॉर्टिकल्चर और flush लिए, साथ वाले वाले authority के पार्क में भी में पानी दिया जाता है जो पूरे 7X सोसायटी में कोई नहीं कर पाता । यद्यपि वो दूसरे के पानी बहाने और बर्बादी के उदाहरण देने के बावजूद यह नहीं बता पाए कि इससे प्रतीक विस्टीरिया सोसायटी के लोगों को पानी की बर्बादी का लाइसेंस कैसे मिल जाता है । फिर भी वह उनके पानी की बर्बादी पर उठते प्रश्नों को षड्यंत्र और एक नैरेटिव का हिस्सा बताने से भी नहीं चूकते है ।
भाई जी fine नहीं लगाना चाहिए बल्कि राजद्रोह का मुकदमा करके सबको अंदर कर देना चाहिए .वैसे पानी की आपको इतनी चिंता है ना आप एक काम करिए सेक्टर 76, 77, 78 में घूम कर देखे कितने अवैध कार वॉशिंग सेंटर चल रहे हैं उनको भी देखें . 61 में अंडरपास में मेट्रो की rain वाली पाइप टूटी हुई है
अमित गुप्ता मैंगो मैन
क्यों लगाना चाहिए? इतनी चिंता है पानी की तो सारे वाटर पार्क बंद करवा दो दिल्ली NCR के। घर में 50 लीटर पानी से एक आदमी नहाए और उतने में यहां 4 लोग भीग रहे हैं तो किस बात की दिक्कत है भाई? ऐसी कुदृष्टि तो शनिदेव भी नहीं रखते होंगे।
रवि मिश्रा
ऐसे लोगों पर भी दंड लगाना चाहिए जिनसे लोगों की खुशी बर्दास्त नहीं होती है. लोगों के खुश होने पर भी उल्टे सीधे ट्वीट करते रहते हैं.
पी के पंकज
दो दिन की जिंदगी है खुद एन्जॉय नहीं करना चाहते मत करो मगर दूसरों से ना चिढ़े
सोशल मीडिया पर प्रतीक विस्टीरिया सोसाइटी पानी की बर्बादी के मुद्दे पर बचाव में आए अमित गुप्ता के अनुसार नोएडा के अंदर कार वाशिंग के इलीगल कारोबार चल रहे हैं जिस पर नोएडा प्राधिकरण कोई आपत्ती नहीं जताता है लेकिन स्वयं अमित गुप्ता यह नहीं बता पाए कि आखिर कुछ इलीगल कामों के चलते एक धनाढ्य सोसाइटी के लोगों को दूसरा इल्लीगल काम करने की स्वीकृति किसने दे दी या फिर यह दूसरों के गलत को गलत बताकर अपना गलत सही साबित करने की आदत है

फिर भी मुद्दा आज विश्व पर्यावरण दिवस पर यही है कि क्या नोएडा प्राधिकरण इतने सालों बाद भी पानी की उपलब्धता और बर्बादी को लेकर वाकई कोई एक्शन प्लान बना पाया या फिर पानी की मची लूट पर सब लोग अपने अपने हिस्से से बर्बादी और लूटने में व्यस्त हैं या फिर शायद मस्त हैं । आज नोएडा में प्रशासनिक अधिकारी वन विभाग पर्यावरण के नाम पर कुछ आयोजन कर रहा है और कुछ आयोजित शाम तक किए जाएंगे वहां पर यही लोग पानी की बर्बादी और कमी से पर्यावरण पर पड़ने वाले असर पर चर्चाएं करेंगे और फिर अगले रेन डांस की तैयारी में लग जाएंगे । यधापी जब जब पानी की कमी होगी तब तक पानी की ही कारोबार करने वालों की आंखों में खुशी होगी और आम जनता की आंखों में बस नमी होगी क्योंकि शायद आज अपने स्वार्थ में डूबे लोगों को उनके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है ।