राजेश बैरागी । नोएडा नगर के कई महत्वपूर्ण रास्तों को सुबह से रोक दिया गया था। राजशाही के जमाने में राजा की सवारी निकलने के समय की जाने वाली व्यवस्था लोकशाही में भी बदस्तूर जारी है। सेक्टर 12,22,21,25 के हजारों निवासियों को घरों में रहने के लिए विवश कर दिया गया।
मुख्यमंत्री का काफिला गुजरा तो लोगों ने राहत की सांस ली। काफिला गुजरने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के पहरे में अपने घरों में कैद लोगों का अभिवादन किया तो जाति से यादव एक सेक्टर का गार्ड खुशी से पागल हो उठा।पैदल पैदल लगभग एक किलोमीटर चलने पर सभास्थल हाथ आया।
मंच पर विराजमान मुख्यमंत्री के दांये और बांये बैठे दरबारियों का क्रम ठीक नहीं था। राजशाही व्यवस्था में दांये ओर बैठने वाले समर्थक और बांये ओर बैठने वाले आलोचक होते थे। यहां दोनों ओर दोनों प्रकार के दरबारी बैठे दिखाई दिए।
दांये ओर बैठे सांसद सुरेंद्र नागर मुख्यमंत्री के मुकाबले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निकट माने जाते हैं। उनके चेहरे पर गर्वोक्त तनाव था। उनसे एक कुर्सी छोड़ कर बैठे एमएलसी नरेंद्र भाटी मंच पर होकर भी वहां नहीं थे। उनकी उपस्थिति ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ सरीखी होती जा रही है।
बांये ओर बैठे सांसद डॉ महेश शर्मा अधिकांश समय दादरी विधायक तेजपाल नागर से गुफ्तगू करने में मशगूल रहे। मुख्यमंत्री का भाषण चलता रहा और उनकी गुफ्तगू भी। बीच-बीच में दोनों नेता ताली बजा देते थे। एक अन्य एम एल सी श्रीचंद शर्मा को न कोई मलाल था और न कष्ट। मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने से अधिक उनकी कोई अपेक्षा नहीं।
मंच पर विराजमान वरिष्ठ नौकरशाह मनोज कुमार सिंह की हनक देखते ही बनती थी। नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी की उपस्थिति तो अनिवार्य थी ही, हालांकि अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने उनका नाम नहीं लिया परंतु उनके नेतृत्व में दोनों प्राधिकरणों द्वारा किए जा रहे कार्यों से वे गदगद दिखाई दिए। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी आवश्यकता से अधिक प्रसन्न थे।मंच पर अन्य लोगों को भी स्थान मिला परंतु महत्व नहीं।
जनसभा का पंडाल वाटरप्रूफ होने के बावजूद सभास्थल वर्षा के जल से अछूता नहीं रह सका। इसके बावजूद मुख्यमंत्री को देखने और सुनने आने वाली जनता के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। हालांकि सुरक्षा के नाम पर जनता को पुलिस की सख्ती से परेशानी हुई। भीड़ खूब थी, उसके जोश में कमी नहीं थी परंतु मंच पर बैठे स्थानीय भाजपा नेताओं के चेहरे का रंग फीका फीका सा था