जिले में भ्रष्टाचार मुक्त बेहतर कानून वयवस्था का दावा करने वाली गौतम बुध नगर कमिश्नरेट इन दिनों दादरी थाने की महिला आरक्षी के लिखें एक पत्र से परेशान है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में महिला आरक्षण ने 33 पुलिसकर्मियों समेत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की नाक के नीचे बैठी स्टेनो कामनी राठौर पर थाने और चौकियों से अवैध उगाही का आरोप लगाया है ।
ऐसे में पुलिस कमिश्नर की नाक के नीचे हो रहे भ्रष्टाचार पर कमिश्नर अब तक कैसे अनजान है यह बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया । कमिश्नर का इस प्रकरण पर अनजान होना उनकी अक्षमता है या असफलता है, इस पर भी कई तरीके की चर्चाएं हो रही हैं
महिला आरक्षी ने पत्र में कई पुलिस आरक्षण पर 3 साल पूरे होने के बावजूद ट्रांसफर ना होने और कई के ट्रांसफर होने के बावजूद अवैध उगाही के लिए यही रुके रहने के आरोप लगाए । आरोप लगाते हुए हैंड कांस्टेबल सुधीर हेड पेशी अपर पुलिस उपायुक्त के बारे में बताया गया है कि यह कांस्टेबल अवैध उगाही करता है। साथ ही पेशी में नियुक्त आरक्षी रवि अमित और पंचम मलिक बी 3 साल के बावजूद ही डटे हुए हैं वही डीसीपी कार्यालय नोएडा में नियुक्त संजीव और अमित चपराना को भी 3 साल के बावजूद ट्रांसफर नहीं होने की बात लिखी गई है और अवैध उगाही और थानों से शराब मंगवाने के भी कई आरोप लगे हैं एडीसीपी के पेशकार उप निरीक्षक वरुण पवार पर अवैध उगाही के आरोपी महिला आरक्षण ने लगाएं है ।
जिले की पुलिस में जाती विशेष का दबदबा
भ्रष्टाचार के अतिरिक्त महिला आरक्षी ने गौतम बुध नगर में एक विशेष जाति ‘ जाट’ के गलत तरीके से अधिपत्य को लेकर भी प्रश्न खड़े किए हैं आरक्षण का दावा है कि उक्त जाति के लोग जिले के बड़े-बड़े पुलिस ऑफिस में काफी सालों से बैठे हुए हैं और इनका जिले से ट्रांसफर भी हो चुका है लेकिन यहां से जाने का नाम नहीं ले रहे हैं और साथ ही अधिकारियों के लिए अवैध उगाही में लिप्त है।
पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कमिश्नर है मौन, शहर में हो रही चर्चा, लखनऊ तक हो रहे चर्चे
3 पेज के इस पत्र में लगाए गए आरोपों के बाद कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की नाक के नीचे चल रहे थाने और चौकियों से अवैध उगाही पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। लोगों का कहना है कि गौतम बुध नगर कमिश्नरेट बड़े-बड़े अपराधों पर लगाम लगाने का दावा करता है मगर असल खेल अभी तक वैसा का वैसा ही है।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के आने के बाद ही उम्मीद जताई गई थी कि थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाएगी। यद्यपि ऐसा लगता है कि या तो पुलिस कमिश्नर अब तक इकोसिस्टम को समझ नहीं पाई है या फिर उन्होंने इस पर हाथ डालना उचित नहीं समझा । जिसके बाद परेशान होकर दादरी थाने की महिला आरक्षण ने यह पत्र लिखकर मामले को सार्वजनिक करने की कोशिश की है
पुलिस कमिश्नरेट की चुप्पी के चलते हालात यह हैं कि अब इसकी पत्र की चर्चा लखनऊ तक हो रही है, पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार का ढका पर्दा अचानक से गिर गया है । जिसके बाद कमिश्नरेट में हड़कंप है कोई पुलिस अधिकारी इन बातों को लेकर बोलने को तैयार नहीं है ऐसे में आने वाले दिनों में पुलिस कमिश्नरेट अपनी छवि सुधारने के लिए क्या आरोपित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई एक्शन लेगा या फिर यह खबर 1 से 2 दिन में दबकर रह जाएगी ये यक्ष प्रश्न है