कर्नाटक में भाजपा को जबरदस्त तरीके से हराने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में बगावत और दिग्गज नेताओं के वर्चस्व के बीच अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में ऑपरेशन मध्यप्रदेश पर तैयारी शुरू हो गई है । जानकारी के अनुसार इन दिनों कांग्रेस के एक इंटरनल सर्वे ने कांग्रेस से ज्यादा भाजपा की नींद उड़ा दी है सर्वे के अनुसार जहां कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने जा रही है वही माना जा रहा है कि भाजपा 60 से 75 सीटों के बीच सिमट सकती है इस सर्वे के सार्वजनिक होने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है
मध्य प्रदेश में शिवराज जा रहे हैं कमलनाथ आ रहे है
मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस अभी से ही अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गई है चुनाव से पहले पार्टियों ने विधानसभा सर्वे कराने भी शुरू कर दी हैं कॉन्ग्रेस के सूत्रों ने बताया कि इस कड़ी में पार्टी ने प्रदेश के सभी 260 विधानसभा सीटों पर सर्वे कराया है यह सर्वे कर्नाटक चुनाव के बाद का है सर्वे में 16779 लोगों ने अपना मत दिया जिसमें प्रदेश में भाजपा को 60 से 75 सीटें ही मिलने का दावा किया जा रहा है इस सर्वे को जारी करते हुए कांग्रेस ने लिखा है शिवराज जा रहे हैं कमलनाथ आ रहे हैं
कांग्रेस ही नही संघ की रिपोर्ट भी चिंताजनक
वहीं इस सर्वे के आने के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया है भाजपा के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व ने बैठक के दौरान मध्यप्रदेश के नेताओं से इस संदर्भ में फीडबैक मांगा है इसके साथ ही भाजपा भी सभी 200 सीटों पर अपना इंटरनल सर्वे कराने जा रहा है भाजपा मध्यप्रदेश में 200 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव की तैयारी कर रही है लेकिन संघ सच यह है कि पार्टी के सामने बहुमत का आंकड़ा भी छू ना मुश्किल बना हुआ है इसका इसकी चर्चा पूर्व में सत्ता और संगठन को सौंपी गई संघ की रिपोर्ट में भी बताया जा चुका है संघ ने अपनी रिपोर्ट में उन 160 सीटों पर सत्ता और संगठन को काम करने को कहा है जहां भाजपा काफी कमजोर है साथ ही यह भी बताया गया है कि वर्तमान में जिन 127 सीटों पर भाजपा कागज है उनमें सिर्फ 70 सीटों पर ही पार्टी जीतने की स्थिति में है संघ की इस रिपोर्ट की माने तो भाजपा वर्तमान में 100 सीटें भी नहीं जीत रही है
आधे से ज्यादा विधायको की कुर्सी खतरे में
वहीं मध्य प्रदेश भाजपा के सूत्रों की माने तो भाजपा ने भी अभी तक तीन सर्वे और संघ के करीब आधा दर्जन सर्वे में भाजपा की स्थिति साल दर साल कमजोर होती जा रही है प्रदेश में सरकार और मंत्रियों के खिलाफ जबरदस्त anti-incumbency है इसको खत्म करने के लिए पार्टी और संघ कई कार्यक्रम बनाकर सक्रिय है लेकिन उसके बाद भी स्थिति सुधार नहीं रही है । 2018 कर बाद से भारतीय जनता पार्टी उस समय हारी भी 103 सीटों को जीतने की रणनीति बनाकर काम कर रही थी लेकिन संघ ने हारी हुई सीटों के अलावा 57 सीटों को भी कमजोर बताकर पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं अब भाजपा के सामने बहुमत तक पहुंचने के लिए इन 160 सीटों में से 47 सीटें जीतने की चुनौती हैl