देश में धर्म विशेष की कट्टरता के किस्से यदा कदा सामने आते रहते है । कभी कोई चाय में थूकता है तो कोई किसी शादी समारोह की रोटी में थूक कर अपना ईमान पक्का कर रहा होता है । ऐसे ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट अजनारा होम्स सोसायटी के फ्लैट में धार्मिक कट्टरता और उसके जरिए दूसरों धर्म के लोगों से नफरत का नया मामला सामने आया है । सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार घरेलू सहायिका सबीना खातून में पानी में पहले पेशाब किया और उसके बाद उसी से पूरे फ्लैट में पूछा लगा दिया उसके करतूत फ्लैट में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई । वीडियो आने के बाद पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर दी है ।
सूत्रों के अनुसार सबीना खातून बीते 6 महीनों से एक हिंदू परिवार में काम कर रही हैं ऐसे में वीडियो के वायरल होने के बाद आशंका जताई जा रही हैं कि वो ऐसे ही काम करती रही होगी
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार आरोपी सबीना खातून फ्लैट में करीब 30 सेकेंड तक पहुंच लगाती है पोछा लगाने के बाद पीछे के कपड़े को बाल्टी में धोने के लिए जाती है और बाल्टी में पेशाब करती है उसके बाद कपड़े को पानी में डुबोकर फ्लैट के अन्य हिस्सों में करीब 3 मिनट तक पहुंचा लगाती हुई दिखती है हालांकि यह वीडियो कब का है इसका पता नहीं चला है। बिसरख प्रभारी अनिल राजपूत के अनुसार महिला से पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि पानी में पेशाब करने के बाद उसी से पोछा लगाया हालांकि ऐसा क्यों किया यह पता नहीं चला है ।
नोएडा में घरेलू नौकर के लोग नही करते जांच
नोएडा ग्रेटर नोएडा में घरेलू सहायकों को रखने के लिए अक्सर वेरीफाइड जांच एजेंसी मदद नहीं लेते है । सोसायटी ओं में ही आसपास से पूछ कर किसी को भी रख लेने का चलन है। इन लोगों का वेरिफिकेशन चरित्र प्रमाण किसी बात की जानकारी फ्लैट ओनर्स को नहीं है होती है और ना ही वह उस जानकारी को लेना चाहते हैं । ऐसे में अक्सर बांग्लादेश और मायामार से आए हुए शरणार्थी यहां पर घरेलू सहायक और सहायिकाओं के तौर पर काम करने लगते हैं और वही की कट्टरपंथी मानसिकता उनके दिमाग में काम करती रहती है । आपको बता देंगे बांग्लादेश पाकिस्तान मयमार इन देशों में मौजूदा स्थिति में दूसरे धर्म के लोगों के साथ इसी तरीके से बर्ताव का माहौल रहता है । वही एक अन्य सामाजिक विश्लेषक के अनुसार बाहर से लाए गए इन शरणार्थियों को इस्लामिक चरमपंथी संस्थाएं इस तरीके की हरकतों के लिए प्रमोद करती हैं ताकि देश में कट्टरपंथ का माहौल बढ़ाया जा सके।