उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव 2023 के परिणाम आ चुके हैं निकाय चुनाव में एक नगर पालिका और पांच नगर पंचायतों में भाजपा ने इस बार यहां तीसरी बार नगरपालिका अपना कब्जा बरकरार रखा है वही दो नगर पंचायतों पर जीत हासिल की है । जिले में इसको भाजपा का खराब प्रदर्शन में बताया जा रहा है । कहा जा रहा है कि इन सीटों पर भाजपा निर्दलीय प्रत्याशियों से हार गई है जिसको लेकर लगातार जिले के सांसद और पार्टी जिलाध्यक्ष पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है माना यह भी जा रहा है कि भाजपा के बीच कई दावेदारों ने पार्टी के द्वारा दूसरो को टिकट देने के बाद निर्दलीय लड़ने का मन बना लिया जिसके परिणाम स्वरूप भाजपा को हार का सामना करना पड़ा ।
विरोधियों का दावा कितना सच ?
एनसीआर खबर ने इस प्रकरण को लेकर परिणाम के बाद लगातार हो रही भाजपा नेताओं की आलोचना के सच को समझने की कोशिश की ।
इसके बाद जेवर सीट पर भाजपा के लिए बड़ी चुनौती थी क्योंकि यहां पर भाजपा कभी अध्यक्ष पद पर जीती नहीं थी ऐसे में धर्मेंद्र का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा में टिकट के लिए दावेदारी कर रहे नारायण माहेश्वरी ने भी निर्दलीय के रूप में नामांकन कर दिया और वह भाजपा प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर रखकर जीत गए ।
जहांगीरपुर सीट पर भाजपा ने कुछ समय पहले ही सदस्यगण करने वाले निवर्तमान चेयरमैन जयप्रकाश शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया था जिनके सामने पूर्व चेयरमैन मूलचंद शर्मा ने भाजपा से विरोध करते हुए प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी या भाजपा चौथे और बाकी मूलचंद तीसरे नंबर पर रहे।
बिलासपुर नगर पंचायत में भाजपा छोड़कर आई सुदेश नागर को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था वहां भी भाजपा को सफलता नहीं मिली
यद्धपि दनकौर सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी राजवती नागर के प्रत्याशी बनने के बाद भाजपा में टिकट की दावेदारी करने वाली रोशनी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर चुनौती बढ़ाई यहां भाजपा जीतने में सफल रही।
हमारा वर्चस्व बढ़ रहा है : विजय भाटी
इस पूरे प्रकरण के बाद भाजपा जिला अध्यक्ष विजय भाटी ने मीडिया को बताया कि हमारे पास जिले में सिर्फ 2 सीट दादरी और रबूपुरा थी लेकिन अब यह बढ़कर 3 हो गई हैं पार्टी में चुनाव के समय कई लोग दावेदारी करते हैं सभी को टिकट देना और संतुष्ट करना संभव नहीं होता है हालांकि चुनाव के समय लोगों को समझाया जाता है । क्षेत्र में तीनों विधानसभा जीतने के कारण लोगों की अपेक्षाएं सभी नगर पंचायतों को जीतने की थी लेकिन इस परिणाम में भी पार्टी का आधार बड़ा है ।
दादरी और जेवर विधायको के परफॉर्मेंस का आंकलन
इस चुनाव के बाद दादरी और जेवर दोनों विधायकों के परफॉर्मेंस का आकलन उनके समर्थक और विरोधी भी अलग अलग तरीके से कर रहे हैं जहां जेवर विधायक के समर्थक रघुपुरा की निर्विरोध जीत को माइलस्टोन बता रहे हैं वही दादरी में तीसरी बार गीता पंडित की जीत के लिए भी दादरी विधायक तेजपाल नागर के समर्थक अपना प्रभाव बता रहे हैं हालांकि जेवर विधानसभा के अंतर्गत आने वाली नगर पंचायतों में हुई हार के लिए कौन जिम्मेदार है इस बात को लेकर विधायकों के समर्थक सारा ठीकरा सांसद डॉ महेश शर्मा पर फोड़ दे रहे हैं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है 24 के लोकसभा चुनाव से पहले सांसद डॉ महेश शर्मा एक आसान शिकार हैं उनके टिकट पर प्रश्न खड़े हो सके इसलिए ऐसा हो पा रहा है लेकिन देखा जाए तो डॉ महेश शर्मा के लोकसभा क्षेत्र की 10 निगाहों में 2017 में सिर्फ दो निकाय भाजपा के पास थे जबकि इस बार 7 निकायो पर भाजपा ने जीत हासिल की है ऐसे विधान सभा में आने वाली नगर पंचायतों में हार की जिम्मेदारी विधायको की ज्यादा बनती है । प्रश्न यह भी है कि क्या रबूपुरा के सहारे जेवर विधायक बाकी नगर पंचायतों में मिली हार के प्रदर्शन को दबा पाएंगे