चुनाव जीतने या पुनः चुनाव जीतने पर भी प्राथमिकता बताने की परंपरा है।सो, दादरी (गौतमबुद्धनगर) नगर पालिका की बगैर ब्रेक लिए तीसरी बार अध्यक्ष चुनी गई भाजपा नेत्री गीता पंडित ने भी अपनी प्राथमिकता की घोषणा कर दी है।वे सबसे पहले दादरी में कूड़ा निस्तारण के लिए डंपिंग ग्राउंड बनवाएंगी। डंपिंग ग्राउंड का मुद्दा कम से कम डेढ़ दशक पुराना है। इस दौरान दादरी नगर अपनी सीमाओं का स्वाभाविक विस्तार करता रहा। मतदाताओं की संख्या चार गुना हो गई। प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा भी दस गुना हो गया। इस बीच स्वच्छ भारत अभियान ने भी दस्तक दी। अभियान की सफलता के लिए खूब धन भी नगर पालिका को प्राप्त हुआ। नगर के गली मुहल्लों से कूड़ा उठाया जाता रहा और नगर के ही एक हिस्से में उसे फेंक कर खुला छोड़ा जाता रहा। इससे कितनी गंदगी फैली, कितने आवारा पशुओं में वृद्धि हुई, कितने लोगों को बीमारी लगी, इन सब बिंदुओं पर नगर पालिका का कोई अध्ययन नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान की रैंकिंग में आने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन और दो चार स्थानों पर सफाई की अपील संबंधी होर्डिंग से कर्तव्य की इतिश्री हो जाती है। इस बार के चुनाव में सभी प्रत्याशियों (भाजपा को छोड़कर) के चुनावी मुद्दों में डंपिंग ग्राउंड सबसे ऊपर था परंतु भाजपा प्रत्याशी के पास अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की पूंजी थी। चुनाव जीतने के बाद डंपिंग ग्राउंड भाजपा प्रत्याशी की प्राथमिकता में आ गया है। नगर निवासियों की यह आवश्यकता तो है परंतु उन्होंने इसके लिए भाजपा को वोट नहीं दिया था। वोट करने के लिए नागरिक सुविधाओं से ऊपर जाति-धर्म और राजनीतिक दलों से जुड़ाव का महत्व अधिक रहता है। हालांकि जनपद गौतमबुद्धनगर की पांच नगर पंचायतों में से तीन पर निर्दलीय अध्यक्ष चुने गए हैं। परंतु कोई कह रहा था कि कमल की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि अब वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी स्वयं को खिला सकता है।