पहले चरण में 52% औसतन मतदान होने के बाद दादरी नगर पालिका चुनाव के समीकरण अब बदलने लगे हैं अभी तक जग भूषण गर्ग को अपने पाले में लाने की कोशिश करने में लगी भाजपा अब अपनी रणनीति बदलने लगी है भाजपा की ओर से लगातार यह नैरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है कि अगर जग भूषण को वोट देने की कोशिश की गई तो एक बार फिर से दादरी नगरपालिका पर अयूब मलिक के रूप में मुस्लिम दावेदारी हो जाएगी और जिसका परिणाम दादरी के विकास पर भी पड़ेगा और दादरी के माहौल पर भी पड़ेगा। भाजपा अब एक बार फिर से मुस्लिम चेयरमैन केके सूफी के 10 साल याद दिलाने की रणनीति पर लग गई है जब भाजपा के रणनीतिकारों के अनुसार जग भूषण गर्ग चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रहे हैं ।
बजरंगबली के नाम पर होंगी अब आगे की रणनीति !
हिंदू वोटों को संगठित करने के लिए भाजपा की ओर से कर्नाटक की तर्ज पर बजरंग बली के नाम का प्रयोग शुरु कर दिया गया है प्रचार में दिख रहे बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने शुक्रवार सुबह ट्वीट के साथ यह संकेत भी दे दिया
मुस्लिम चेयरमैन का डर बनेगा जगभूषन के लिए समस्या
जग भूषण गर्ग के समर्थकों और रणनीतिकारों के लिए मुस्लिम चेयरमैन के डर का हल निकलना बड़ा मुश्किल साबित हो रहा है । कई लोग अब यह चर्चा करने में लग गए हैं कि कहीं जग भूषण को जिताने के चक्कर में दादरी हिंदुओं के हाथ से ना निकल जाए हालांकि जग भूषण गर्ग के समर्थकों का कहना है कि यह क्षेत्र का चुनाव है देश का चुनाव नहीं है इस चुनाव के बाद सभी लोग फिर से एक साथ होंगे ऐसे में इस बार जब भूषण गर्ग को लगभग 15000 वोट मिल रहे हैं अयूब मलिक को 12000 और गीता पंडित को 10000 मिल रहे हैं बाकी वोट बसपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच बंट जाएंगे ऐसे में जब भूषण गर्ग को जिताने के लिए अपनी सोच को बनाए रखना जरूरी है
सपा का अंडर करंट, हम बड़ी रैली करके भाजपा को मौका नहीं देंगे
वहीं भाजपा के लगातार बड़े नेताओं के आने और एक बड़ी सभा के कराए जाने के दावे के बाद समाजवादी पार्टी के नेता प्रचार में कमजोर दिख रही सपा की रणनीति को रणनीति बता कर बचाव कर रहे हैं बीते चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ चुके सपा के वरिष्ठ नेता ने एनसीआर खबर को बताया कि समाजवादी पार्टी बेहद शांत तरीके से चुनाव में प्रचार कर रही है समाजवादी पार्टी का अंडरकरेंट आप परिणाम में देखेंगे अयूब मलिक को 30000 वोट मिलेंगे हालांकि वह इस प्रश्न पर उखड़ गए कि इन 30000 वोटों में उनका गणित सिर्फ मुस्लिम वोटों पर है या उनको बाकी अन्य वोटों में भी कुछ मिलेगा ।
ऐसे में दादरी की लड़ाई हर दिन नया रंग ले रही है फिलहाल तीनों दावेदारों के अपने-अपने दावे कितने सही होंगे ये आने वाले दिनों में दिखेगा