श्रावण मास के दूसरे सोमवार 25 जुलाई को है सोमप्रदोष, ज्योतिर्विद राघवेंद्ररविश राय गौड़ से जानिए महत्व एवं राशि अनुसार विशेष पूजन विधि

25 जुलाई 2022 को सावन का दूसरा सोमवार है. साथ ही इस दिन सोम प्रदोष व्रत भी किया जायेगा. इस दिन सूर्योदय से अमृतसिद्धि योग एवं सर्वार्थसिद्धि योग नामक अति शुभ योग भी बन गए हैं. श्रावण सोमवार, सोमप्रदोष व्रत, अमृतसिद्धि योग एवं सर्वार्थसिद्धि योग नामक अति शुभ में भगवान महादेव की आराधना, पूजा, व्रत, उपाय करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा. ऐसे दुर्लभ संयोग पर भगवान शिव की पूजा से मानसिक शांति मिलने के साथ ही कई तरह की परेशानियां खत्म हो जाती है. सोम प्रदोष के व्रत पूजन और उपाय से शत्रुओं पर जीत मिलती है और दुर्भाग्य दूर होता है I

महर्षि सूत अनुसार सोम प्रदोष व्रत करने से महादेव से सभी इच्छाओं की पूर्ति का वर मिलता है. मानसिक विकार दूर होते हैं

द्वितीय सोमवार का पंचांग परिचय

 पंचांग के अनुसार सावन का दूसरा सोमवान 25 जुलाई 2022 को है. इस दिन श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी की तिथि रहेगी. विशेष बात ये है कि इस दिन कामिका एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा.

नक्षत्र सावन के दूसरे सोमवार को मृगशिरा नक्षत्र रहेगा. इस दिन ध्रुव नाम का योग बना हुआ है. इस दिन सूर्योदय प्रात: 5 बजकर 38 मिनट पर होगा, वहीं सूर्यास्त शाम 7 बजकर 16 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में प्रात: 11 बजकर 33 मिनट तक रहेगा इसके बाद मिथुन राशि में प्रवेश करेगा.

पंचांग के अनुसार सावन के दूसरे सोमवार पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-

  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:16 से 04:57 तक
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:44 से 03:38 तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:03 से 07:27 तक 
  • अमृत काल- दोपहर 03:10  से 04:58 तक
  • निशिता मुहूर्त- प्रात: 12:07  से 12:49 तक (26 जुलाई 2022) 
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022) 
  • अमृत सिद्धि योग- प्रात: 05:38 से 01:06 तक (26 जुलाई 2022)

इस तरह भगवान महादेव की पूजा-अर्चना:

सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे। नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। फिर पूजा स्थान या फिर मंदिर जाएं। तिलक लगाएं
यहां पर भगवान शिव सहित गणेशअम्बिका का ओर शिव पंचायत को गंगाजल और दूध पाँचमर्त चढ़ाएं। शिवलिंग पर धतूरा, भांग,चंदन, चावल आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। फिर धूप, दीप जलाएं।
फिर प्रसाद का भोग निवेदित करे ।
शिवजी को बिल्व पत्र बेहद प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं।
भगवान शिव के पूजन के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे शांति एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इसके अतिरिक्त नमः शिवाय या ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए।
पूरे दिन व्रत करें।

शाम को पूजा करने के बाद कर व्रत खोलें।
आप चाहें तो यह पूरा व्रत फलाहार पर भी कर सकते हैं। 

करें राशि अनुसार विशेष पूजन

मेष राशि– मेष राशि के जातक जल में गुड़ मिलाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें. लाल चंदन और कनेर के फूल चढ़ावें.

वृष राशि– इस राशि के जातक दही से शिव का अभिषेक करें

मिथुन राशि– भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें.

कर्क राशि– भगवान शिव का अभिषेक घी से करें.

सिंह राशि– गुड़ के जल से शिव अभिषेक करें.

कन्या राशि– सावन में गन्ने  के रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें.

तुला राशि– सावन में इत्र या सुगंधित तेल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें

वृश्चिक राशि– सावन में पंचामृत से शिव का अभिषेक करना शीघ्र फल देने वाला रहेगा.

धनु राशि– सावन में हल्दी मिले दूध से शिव का अभिषेक करें. इसके साथ ही

मकर राशि– सावन में नारियल के पानी से शिव जी का अभिषेक करें. साथ ही

कुंभ राशि– सावन में तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें.

मीन राशि– सावन माह में दूध में केशर मिलाकर शिव जी का अभिषेक करें.

शिव पूजन के विशेष उपाय :-

  • शक्कर या गुड़ की मीठी रोटी बनाकर भगवान शंकर को भोग लगाएं. ‘ॐ ममलेश्वराय नम:’ मंत्र का जाप करें. भूमि, भवन आदि अचल संपत्ति प्राप्त होगी.
  • सफेद चंदन, सफेद फूल और अक्षत यानि चावल चढ़ावें. ऐसा करने से आप पर भगवान शिव की कृपा बनी रहेगी. ‘ॐ नागेश्वराय नम:’ मंत्र का जापकरें।परिवार में सुख-शांति आएगी.
  • मूंग, दूर्वा और कुशा भी अर्पित करें. ‘ ॐ भूतेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें।धन लाभ होगा.
  • कच्चा दूध, सफेद आंकड़े का फूल और शंखपुष्पी भी चढ़ावें. ऊँ सर्वलोक प्रजापतये नमः मन्त्र का जाप करें. चिंता का नाश होगा.
  • शमी पत्र अर्पण करें और गुड़ व चावल से बनी खीर का भोग लगाएं. ‘ॐ नम: शिवाय’ की रोज एक माला करें. बिगड़े काम बन जाएंगे.
  • भांग, दुर्वा और पान चढ़ाएं. ऊँ विश्वरूपाय नमः मन्त्र का जाप करें. रोजगार के अवसर मिलेंगे.
  • दही, शहद और श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाएं. सफेद फूल अर्पण करें. ऊँ लोकपालाय नमः मन्त्र का जाप करें. कार्य में आ रही बाधाएं दूर होंगी.
  • लाल फूल, बिल्वपत्र शिव को जरुर चढ़ाएं. ‘ॐ अंगारेश्वराय नम:’ का जाप करें. धन लाभ होगा.
  • भगवान महादेव को चने के आटे और मिश्री से मिठाई तैयार कर भोग लगाएं. पीले या गेंदे के फूल पूजा में अर्पित करें. ‘ॐ रामेश्वराय नम:’ का जाप करें. रोगों से मुक्ति मिलेगी.
  • उड़द की दाल से तैयार मिष्ठान्न का भगवान को भोग लगाएं. नीले कमल का फूल भगवान को चढ़ाएं. ‘शिव सहस्त्रनाम’ का उच्चारण करें. विवाह के लिए रिश्ते आएंगे.
  • चावल और दही मिलाकर भोग लगाएं. पीली सरसों और नागकेसर भगवान शिव को चढ़ाएं. ‘ॐ भौमेश्वराय नम:’ का जाप करें। परिवार में प्रेम बढ़ेगा.

शिवपुराण का कथन हे कि जो भी श्रावण सोमवार का विधिवत व्रत करते ओर उस दिन शिवार्चन करते हे उनकी सभी मनोवांछित मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

यस्यांके च विभाति भूधरसुता देवापगा मस्तके भाले बालविधुर्गले च गरलं यस्योरसि व्यालराट्।
सोऽयं भूतिविभूषणः सुरवरः सर्वाधिपःसर्वदाशर्वःसर्वगतःशिवःशशिनिभः श्री शंकरःपातु माम्‌

नारायण नारायण
राघवेंद्ररविश राय गौड़
ज्योतिर्विद