उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात लगातार बदतर होते जा रहे है । बीते दिनों में।ये आंकड़ा रोजाना 97 तक पहुंच रहा है । ताजा घटनाओं में ये भी सामने आ रहा है कि लोग दिल्ली में कोरोना टेस्ट करवा रहे है तो नोएडा में नहीं बता रहे है जिससे ये आंकड़ा काम प्रतीत हो रहा है और उम्मीद की जा रही है कि ये आंकड़ा बहुत बड़ा भी हो सकता है ।
लेकिन यूपी के आंकड़ों को भी सही मान लिया जाए तो भी एक दिन में 4500 से जायदा मरीजों का रोजाना मिलना बड़े कोरो ना संक्रमण का खतरा भी बन रहा है ।
ऐसे में जब यूपी में स्कूल बंद किए जा रहे हैं । 4 लोगो को एक साथ खड़े होने से रोकने के लिए धारा 144 लगाई जा रही है तो फिर पंचायत चुनावों को लेकर सरकार और चुनाव आयोग इतना निश्चित क्यों है । क्या चुनावों में होने वाली रैलियों और उमड़ने वाली भीड़ में कोरो ना नहीं फैलेगा।
बीते साल कोरोना के कारण सभी सोसाइटी में चुनाव साल भर के लिए टाल दिया गए तो आखिर पंचायत चुनाव को ऐ सरकार और चुनाव आयोग की ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके लिए लोगो को जिंदगी दांव पर लगा कर ये चुनाव कराए जा रहे है ।
लोगो ने इस को लेकर तमाम सवाल सोशल मीडिया पर उठाए हैं और पूछा है कि क्या कोरो ना सिर्फ स्कूल और बाकी बातो में ही फैलता है और चुनावों के समय नहीं फैलता है । क्या चुनाव आयोग इस बात पर यूपी में।होने वाले पंचायत चुनावों के लिए संज्ञान लेगा या फिर लोगो को कोरोना चुनावों के नाम पर होने देगा