ग्रेटर नोएडा में।रविवार शाम एक बार फिर नोएडा पुलिस को कार्यशैली और कानून व्यवस्था पर सवाल उठे जब ओप्पो कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर निशांत की कार सरे आम लूट ली गई । अपराधी निशांत से कारण लेकर भागने लगे कार में उनकी पत्नी और 3 महीने की बच्ची भी थी। बाद में 200 मीटर जाकर उन्होंने पत्नी और बच्ची को उतार कर कारा लेकर फरार हो गए ।
जानकारी के अनुसार निशांत मिगसन सोसाइटी के पास सब्जी लेने उतरे ही थे कि अपराधियों ने उनकी कनपटी पर पिस्टल लगा दी और कार लेकर भाग गए
मामले पर पुलिस ने छान बीन शुरू कर दी है लेकिन शहर में कमिश्नरेट लागू होने के बाजूद ऐसी घटनाओं से जनता में रोष है । लोगो ने सोशल मीडिया पर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
उन्होंने ग्रेटर नोएडा में जगह जगह अवैध रूप से बिक रही सब्जी और खड़ी होने वाले खाने की दुकानों पर पुलिस के आंख मीचने पर भी सवाल उठाए। लोगो के अनुसार ग्रेटर नोएडा में कोई भी कहीं भी खड़ा होकर सब्जी बेचने लगता है या फिर दुकानें लगने लगता है। पुलिस वाले वहां चेकिंग के नाम पर खाना पूर्ति करने में लगे रहते है लेकिन बिना पंजीकरण लगने वाले इन दुकानोंपर कोई रोकथाम नही है ।
इको विलेज में रहने वाले एक निवासी ने एनसीआर खबर को बताया कि सेक्टर 1 में ही कहीं कोई खाने की वैन लेकर खड़ा है तो कहीं कोई गाड़ी लगाकर समान बेच रहा है । इन लोगो के पास सरकार की तरफ से कोई वेंडर लाइसेंस नहीं है । लेकिन प्रशासन इस सब से आंख मीच लेता है। ऐसे में अपराधी रेकिंग ना कर ले तो कौन सा मुश्किल काम है।
वहीं सेक्टर 2 से सुनील सिंह का कहना हैं कि ग्रेटर नोएडा में सीसीटीवी की मांग काफी समय से की जा रही है लेकिन ग्रेटर नोएडा अथार्टी और पुलिस दोनो ही इस मामले में 2 साल से बस आश्वासन ही दे रही है । ऐसे में घटनाओं के बाद बस लकीर ही पीटना रह जाता है।
वहीं देर रात नोएडा में पुलिस ने 8 थानाध्यक्ष के तबादले भी किए है । लोगो का सवाल हैं कि क्या सिर्फ तबादलों से कानून वयवस्था सुधार जाएगी ?