एनसीआर खबर एक्सक्लूसिव : समस्याओं का अंबार है ग्रेटर नोएडा वेस्ट, कहीं सोसाइटी के आगे सड़क नहीं तो कहीं नाले खुले हुए

ग्रेटर नोएडा वेस्ट या फिर यूं कहे कि लोगो के सपनो का नोएडा एक्सटेंशन । 2009 में लोगो को नोएडा जैसी बेहतरीन सुविधाओं के साथ एक बेहतर शहर बेहद कामों में देने के साथ किया गया वादा अब लोगो को झूठा लगने लगा है । ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आज 12 साल बाद अगर आप आएंगे तो तो आपको लगेगा ये शहर किसानों, भू माफिया के दबाव से उबर नहीं पा रहा है तो एक बेहतरीन प्रशासक के ना होने का अभाव भी इसको विकसित नहीं होने दे रहा है । हालत ये है कि भले ही ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण लाख दावा करें मगर ग्रेटर नोएडा वेस्ट लोगो के लिए वो सपना नहीं बन पाया जिसके लिए अथार्टी और बिल्डरों ने उनसे वादे किए थे।

आज 12 साल बाद भी ग्रेटर नोएडा में लोगो को वो बेसिक सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है जो नोएडा में सामान्यता उपलब्ध है । किसी भी शहर में स्कूल अस्पताल, सड़क, बिजली और सीवर व्यवस्था का सही होना ही उसके विकसित होने का पैमाना होता है लेकिन ग्रेटर नोएडा में कामयाब सीईओ होने के बाजूद आज भी यहां के निवासी टूटी सड़कों, खुले नालों और बिना स्ट्रीट लाइट के रहने के लिए मजबूर है।

शहर में अवैध होर्डिंग , यूनीपोल और अवैध निर्माण को लेकर अथार्टी के सोए रहने के आरोप लगते रहते है । ग्रेटर नोएडा के रहने वाले समाज सेवी अवैध होर्डिंग और यूनीपोल को लेकर तमाम बार शिकायते कर चुके हैं लेकिन नरेंद्र भूषण की टीम उन्हें उखाड़ कर वही डालकर खानापूर्ति कर लेती है । बीते दिनों एक निजी अस्पताल के विजिट के दौरान आस पास के खम्बो पर लगे अवैध होर्डिंग हटा दिए गए लेकिन महज 1 किलोमीटर दूर एस सिटी के पास लगे होर्डिंग्स नहीं हटाया गया बताया गया कि कहीं लोग सीईओ साहब से इन पर पूछ ना लें इसलिए हटा दिए गए उसके बाद फिर से वो लग गए।

अरिहंत अंबर सोसाइटी के लोगो की समस्याओं पर तो ऐसा लगता है सीईओ साहब और उनके अधीनस्थों ने सोचना ही छोड़ दिया है । अरिहंत अंबर निवासी आशुतोष श्रीवास्तव ने एनसीआर खबर को बताया कि सोसाइटी के लोगो ने अधिकारियों से मिलकर , ट्वीटर पर सब जगह खुले नालों और सीवर की समस्या पर आवाज उठाई मगर अथार्टी के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। यहां तक की जो सड़क सीधा आगे जाकर फेस 2 से जोड़ देती जिससे आवागमन आसान हो जाता वो भी काम अटका पड़ा है ।ऐसा लगता है जैसे अधिकारियों को वरदहस्त प्राप्त है और वो शांति से बैठे हैं।

वहीं निराला एस्टेट के लोगो की समस्याओं का भी कोई अंत नहीं है ग्रेनो वेस्ट वेलफेयर सोसाइटी के सुनील सिंह कई दिनों से सोसाइटी के सामने बन रहे प्रोजेक्ट में भले पानी और कूड़े पर आवाज उठा रहे है लोगो को बदबू और मच्छर की स्मास्ययाए हो रही है लेकिन अधिकारी कुछ करने को तैयार नहीं । तो एक सोसाइटी में निर्माणधीन बिल्डिंग का सामान एक मार्केट पर गिरनेको तैयार मगर शायद बड़े अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है

वही सर्वोत्तम स्कूल से आगे जाने वाली सड़क का कुछ हिस्सा आज तक लोगो 2 किलोमीटर घूम कर आने पर मजबूर करता है तो सेक्टर 3 के साथ बसे एस्टर पब्लिक स्कूल के लिए भी लोग या तो टूटी हुई सड़कों से आने के लिए मजबूर हैं या फिर लगभग 8 किलो मीटर की दूरी तय करके आने के लिए मजबूर है ।

सामाजिक संस्थाओं ने अथार्टी पर अवैध निर्माण पर चुप्पी साध लेने को कहीं ना कहीं भू माफिया और नेताओं के साथ मिली भगत बताया है । लोगो की माने तो शाहबेरी जैसे कांड होने के बाबजूद अथार्टी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध दुकानों और मकानों पर कोई कार्यवाही करने से डरती है क्योंकि किसान नेता उनको लीज बैक मामलो के घोटालों को खोल देने की धमकी देने लगते है । जिसके बाद अथार्टी इन पर चुप बैठ जाती है । लगातार अवैध यूनीपोल के भ्रष्टाचार पर आवाज उठाने वाले एक समाज सेवी ने एनसीआर खबर को बताया कि एक बार एक अधिकारी ने उनसे कहा कि साहब इन पर हल्का हाथ रखो नही बेचारे कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी। हालत ये है की शहर में अथारटी के ज़मीनों पर लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से भी नेताओं की कमाई लाखो में है तो कहीं इन ज़मीनों पर नर्सरी चल रही है मगर अथारटी शहर के विकास को लेकर शांत है

अब ऐसे में ग्रेटर नोएडा में अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा कर फ्लैट खरीदने वाला आम आदमी कहां जाए । वो सिर्फ यहां बिल्डर , अथार्टी , किसान पीआर भूमाफिया के गठजोड़ में पिस आकर रह गया है। नेता सिर्फ यहां वोट के समय ही वोट बैंक को याद करने आते हैं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समस्याओं पर उनको भी कोई सरोकार नहीं है क्योंकि यह नया क्षेत्र है और नेताजी को भी स्थानीय वोटर पर ज्यादा प्रेम है । ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के लोगो का एक दुर्भाग्य ये भी है कि जब भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गौतमबुद्ध नगर में आना होता है तो उनके कार्यक्रम या तो नॉएडा में होते है या फिर ग्रेटर नॉएडा में ऐसे में ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के लोगो की समस्याए कभी उन तक पहुँच ही नहीं पाती है