मेड इन इंडिया, आत्मनिर्भर माइक्रो ब्लॉगिंग #Koo एप महज संयोग है या फिर वाकई कोई प्रयोग। क्योंकि भारत में अमेरिकन माइक्रो ब्लॉगिंग कंपनी टि्वटर के लगातार भारत सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बाद जिस तरीके से भारत सरकार के कई मंत्रियों और एक टीवी चैनल ने भी भारत के अपने नए माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को ऐप को प्रमोट करना शुरू किया उससे कई तरीके के सवाल उठ खड़े हुए हैं
एनसीआर खबर में जब कु ऐप के बारे में जानकारी निकाली तो पता लगा कि इसको 2020 के मध्य में कोरोना के समय लांच किया गया और भारतीय कंपनी के तौर पर इस को आत्मनिर्भर भारत में सम्मानित भी किया गया है खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इसका जिक्र किया। इसके बाद लगातार भारत सरकार के तमाम मंत्रियों और राष्ट्रवादी लोगों के कु एप पर जाने से यह संभावना व्यक्त की जाने लगेगी शायद सरकार ट्विटर से खुद को कु एप पर शिफ्ट करना शुरू कर रहे हैं ट्विटर के साथ बढ़ते तनाव और भारत सरकार के नियम ना माने जाने की घटनाओं के बीच हुए अचानक से बड़े यूजर बेस को लेकर #kooapp अभी तक स्टेबल नहीं हो पाया है कल दोपहर ही ट्वीटर पर kooapp ने इसकी जानकारी दी और कहा वह इस को जल्दी ठीक कर लेंगे
क्या कू एप कर रहा है आपकी निजी जानकारी लीक ?
कु एप के पॉपुलर होने ट्विटर का विकल्प बनने के साथ ही विवाद भी जुड़ने लगे हैं ऐप को लेकर एथिकल हैकर इलियट एंडरसन न कहां कीकू ऐप असल में अपने यूजर्स की ईमेल जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति ,लिंग जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां लीक कर रहा है ।
कू के पीछे है क्या चीन के इन्वेस्टर ?
वही को को लेकर कुछ गंभीर आरोप इसके इन्वेस्टर को लेकर भी लग रहे हैं जानकारी के अनुसार कू एप के साथ चाइनीस स्टेकहोल्डर के संबंधों का भी दावा किया जा रहा है। दरअसल को ऐप डॉट कॉम डोमेन के रजिस्ट्रेशन में Tao Zhou का नाम आ रहा है। जो चीन के Jiangxi से है।
ऐसे में ऐप को लेकर डाटा लीक और चाइना कनेक्शन दोनों ही बातें इसके खिलाफ भी जा रहे हैं यह बातें जब तक नहीं उठ रही थी जब तक यह बहुत पॉपुलर नहीं था लेकिन भारत सरकार के अचानक इसके साथ समर्थन में दिखाई देने से बातें आप सामने निकलकर आने लगी हैं। वही कू एप के को फाउंडर अप्रमेय के अनुसार एक बहुत छोटा सा इन्वेस्टमेंट होगी कंपनी में चीन से किया गया था जब वह किसी और प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे