कोरोना के डर से स्कूलों में 2021-22 के लिए एडमिशन पर संशय जारी, स्कूलों तक नहीं पहुंच रहे एडमिशन के लिए अभिभावक

बीते पूरे साल स्कूलों के साथ अभिभावकों की लड़ाई फीस माफी को लेकर चलती रही है ऐसे में स्कूलों के सामने अब नए एडमिशन के लिए भी समस्या हो रहे हैं ज्यादातर स्कूलों में जनवरी के प्रथम सप्ताह से एडमिशन शुरू हो चुके हैं लेकिन कोरो ना के डर से नन्हे मुन्ने को स्कूल भेजने के लिए अभी अभिभावक तैयार नहीं है

यहां तक की सरकारी विद्यालय नवोदय विद्यालय के लिए भी एडमिशन की डेट दो बार आगे बढ़ाई जा चुकी है। दरअसल छोटे बच्चों के मामले में उनके माता-पिता बीते साल स्कूलों का रवैया देखकर अभी कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है 3 साल की कृति के पिता सतीश ने एनसीआर खबर को बताया कि अभी तक उन्होंने अपनी बच्ची के लिए एडमिशन के लिए कुछ सोचा नहीं है सरकार की तरफ से नए सत्र को लेकर अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं आई है ऐसे में वह सोसाइटी में चलने वाले प्री स्कूल में ही अपने बच्चे को भेज कर खुश हैं

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कोरो ना काल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों की लगातार फीस माफी की मांग ने नए अभिभावकों को भी स्कूल तक पहुंचने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है । 4 वर्षीय श्रेष्ठ के पिता अश्मित जैन ने बताया कि उनको पूरे साल खबरों में यह पता लगता रहा कि स्कूलों ने फीस के लिए अभिभावकों के साथ बदतमीजी की है ऐसे में उनको यह समझ नहीं आ रहा है कि वह अपने बच्चों को कहां एडमिशन कराए। उन्होंने कहा सरकार ने अभी तक बच्चों को लेकर कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की है ऐसे में अगर इस साल वह बच्चे को ना भी भेजे हैं घर पर ही बढ़ाते रहें तो भी कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा

वहीं शहर के एक प्राईवेट स्कूल में पढ़ाने वाली एक टीचर ने बताया कि इस बार स्कूलों में आ रहे काम एडमिशन ने स्कूल प्रबंधकों के साथ साथ टीचर की भी परेशानी बढ़ा दी है । स्कूलों ने पिछले साल भी ऑनलाइन के नाम पर कई टीचरों को निकाल दिया था तो कई आधी सैलरी पर काम कर रहे है । ऐसे में अगर एडमिशन नहीं होंगे तो निश्चित तौर पर उनकी नौकरी पर असर पड़ेगा

इस सत्र में प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की नहीं है कोई नई नियमावली

जानकारी के मुताबिक अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों के लिए कोई आदेश नहीं मिला है ऐसे में नई शिक्षा नीति के लागू होने के तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं वहीं अभिभावकों की मांग है कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों से फीस ना लेकर इस साल के सत्र की फीस को शुरू करने का आदेश दे तो यह उनके लिए राहत भरा काम होगा