यीडा की इन्फोटेनमेंट सिटी (NOLLYWOOD) को लेकर जिस तरह की खबरे यूपी सरकार के अधिकारियों और विधायको के पास से आ रही है I उससे उत्तर प्रदेश में फिल्मो के काम करने वाले लोगो को कितना फायदा होगा ये अब बड़ा सवाल लगने लगा है I मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताब पर यीडा ने 1000 एकड़ का प्रस्ताव तो आनन् फानन में भेज दिया है I लेकिन सच्चाई ये है की लगबग 661 एकड़ ज़मीन का ही अधिग्रहण अभी तक अथारटी ने किया है I वहीं 220 एकड़ के लिए बात चल रही है I बची हुई ज़मीन के लिए लिए अभी किसानो के साथ मिलकर लैंड पूल योजना से ज़मीन लेने की बात आ रही है I फिल्म सिटी को लेकर अभी तक ये स्पस्ट नहीं है की सरकार सिर्फ प्लाट बेचेगी , या सरकार फिल्म सिटी के लिए पूरा प्लान बनायेगी और लैंड पूल के शामिल होने से ये कही एक बार फिर से सिर्फ ग्रेटर नॉएडा अथारटी के ग्रेटर नॉएडा वेस्ट की तरह बड़े बिल्डरों को प्लाट देने तक तो सीमित नहीं रह जाएगा I आपको बता दें कि 2007 से आज 13 साल बाद भी अथारटी के अधिकारियों की मिली भगत और अदूरदर्शिता से ही ग्रेनो वेस्ट में लोगो को फ्लैट नहीं मिल सके हैं
इन्फोटेनमेंट सिटी मुख्यमंत्री की अहम परियोजनाओं में शामिल है। प्रदेश सरकार और यमुना प्राधिकरण इस परियोजना पर तेजी से काम करना चाह रहे हैं। शासन से रविवार को दौरे पर आए फिल्म बंधु के चेयरमैन अनवीश अवस्थी ने नए साल से आउटडोर शूटिंग की उम्मीद भी जता दी है तो मीडिया में आई खबरों के मुताबिक़ जेवर विधायक से मधुर भंडारकर ने किसी फिल्म की शूटिंग के लिए बात कर ली है I लेकिन सवाल अब उठ रहे है कि क्या सिर्फ फिल्मो की शूटिंग होने से ही उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का सपना पूरा हो जाएगा ?
बीते वर्षो में उत्तर प्रदेश में बिना फिल्म सिटी के बन्ने वाली फिल्मो की एक बड़ी सूची है जिसमे अनुराग कश्यप की मुक्केबाज, शादी में ज़रूर आना, अब हर दायरा टूटेगा, तनु वेड्स मनु, जिला गाजियाबाद, सोनू की टीटूकी स्वीटी, प्यार का पंचनामा , और थ्री ईडीयट जैसी कई फिल्मे शामिल है तो मिर्जापुर, भौकाल , रक्तांचल और हाल ही रिलीज हुई आश्रम जैसी तमाम वेबसीरीज यहाँ पर शूट की गयी है I
नॉएडा से बीते ३० सालो से पत्रकारिता से जुड़े विनोद शर्मा बताते हैं कि असल में सरकार फिल्मो की कार्यप्रणाली को समझ नहीं पा रही है I अधिकारियों को सिर्फ प्लाट बेच देने से ही फिल्मसिटी बन जाने का आभास हो रहा है I ऐसी कोशिश तो नॉएडा में सन 88 में भी हुई थी जब सेक्टर 16A में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह फिल्म सिटी का उदघाटन करने नॉएडा आये थे I और तब सुरेन्द्र कपूर (अनिल कपूर के पिता ), संदीप मारवाह(अनिल कपूर के बहनोई) एफ सी मेहरा, पद्मालय, गुलशन कुमार जैसे 16 बड़े निर्माताओ को बुला कर स्टूडियो के लिए प्लाट दिए गये I लेकिन उसके बाद लोगो ने यहाँ सिर्फ न्यूज़ चैनल ही खोल दिए
ऐसे में बड़ा सवाल ये भी है कि क्या सिर्फ शूटिंग शुरू होना बता कर फिल्म सिटी का ढिंढोरा पीटा जाएगा या फिर सही में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी में फिल्मसिटी के सपने को साकार किया जाएगाI क्या यहाँ वाकई उत्तर प्रदेश के फिल्मो से जुड़े लोगो को भी इस फिल्म सिटी में कोई हिस्सेदारी दी जायेगी या फिर एक बार फिर से मधुर भंडारकर जैसे मराठी लाबी के फिल्म कारो को आमंत्रित करके इतिश्री कर ली जायेगी I क्या अनुराग कश्यप, रत्ना सिन्हा, लव रंजन, आनंद कुमार, नवनीत श्रीवास्तव जैसे उत्तर प्रदेश के गाजियावाद , बनारस, प्रयागराज या गोरखपुर के छोटे फिल्म बनाने वाले बड़े नामो पर भी सरकार ध्यान देगी या एक बार फिर से बड़े नाम वाले लोगो को प्लाट दे दिए जायेंगे I वरिष्ठ पत्रकार विनोद स्पस्ट कहते हैं अगर सरकार एक बार फिर से सिर्फ प्लाट बेचने तक ही सीमित रहेगी तो इस फिल्म सिटी का हाल भी नॉएडा फिल्म सिटी की तरह ही होगा I
विनोद २ दिन पहले सरकार की वस्त्र उधोग को लेकर एक इन्वेस्टर की सरकारी अधिकारियों के कारण बंगाल से यहाँ अपनी फैक्ट्री ना शुरू कर पाने की खबर का उदाहरण देते हुए कहते है कि असल में सरकारी तंत्र घोषणा तो बड़ी कर देता है I और शुरुवात में लोग आ भी जाते है लेकिन उत्तर प्रदेश में असली समस्या प्रोजेक्ट कार्यावयन के समय में शुरू होती है I
ऐसे में जब तक फिल्म सिटी को लेकर उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगो को सुविधाओं और उनके कार्य करने के सपने को साकार नहीं किया जाएगा , उनको इस फिल्म सिटी में बेहतरीन सुविधाओं को विकसित करने का प्रावधान नहीं होगा तब तक सरकारी अधिकारियों की लाल फीता शाही में यहाँ फिल्म सिटी नहीं बन पायेगी