उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यमुना एक्सप्रेस वे में नई फिल्म सिटी( नोलीवुड NOLLY WOOD) की घोषणा कर दी है 1000 एकड़ में बनने वाली इस फिल्म सिटी में विश्व स्तरीय सुविधाएं देने की बात की जा रही है तो उसके साथ ही कई इंस्टिट्यूट और इन्फोटेनमेंट अब भी बनाने की बात की जा रही है
सरकार के सूत्रों की माने तो इस फिल्म सिटी से उत्तर भारत में over-the-top ओटीटी पर बनने वाली वेब सीरीज और सीरियल्स के निर्माण ऑर एनिमेशन को लेकर भी गतिविधियां होंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम स्थापित निर्माताओं गीत कारों अभिनेताओं को इसकी घोषणा के समय मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में बुलाया जिन्होंने अपने अपने सुझाव भी दिए जिनमें गायक उदित नारायण, मशहूर निर्माता ऑर शो मैन सुभाष घई, अभिनेता अनुपम खेर, साउथ के अभिनेता रजनीकांत की पुत्री सौंदर्या, सतीश कौशिक, गीतकार मनोज मुंतशिर, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, मनोज जोशी जैसे कई नाम शामिल है
उत्तर प्रदेश में फिल्म बंधु के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव इस घोषणा से बहुत उत्साहित हैं उन्होंने भी कहा कि उन्होंने जो मांगे इस नई फिल्म सिटी के लिए मुख्यमंत्री से मांगी थी मुख्यमंत्री ने उससे कई गुना ज्यादा दिया है बताया जा रहा है कि लगभग 5000 करोड़ सरकार के द्वारा इस फिल्म पर खर्च किया जाएगा
लेकिन फिल्मों के विकास के गुलाबी तस्वीर के पीछे हैं एक और डर भी है जिस पर कोई बात नहीं करना चाह रहा है या शायद ध्यान देना नहीं चाह रहा वह सवाल है कि आखिर जिस अपराध माफिया, बाहुबली और ड्रग्स के माफिया का हस्तक्षेप मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में देखा जा रहा है जिसको लेकर रोज तमाम बड़े खुलासे हो रहे हैं और तमाम बड़े चेहरे एनसीबी की जांच में सामने आ रहे हैं तो उसके प्रभाव से यूपी की बनने वाली नई फिल्म शूटिंग कैसे अछूती रहेगी
क्योंकि ऐसा संभव नहीं है कि वह लोग यहां पर आकर इंवॉल्व नहीं होंगे हाल ही में एक अभिनेत्री द्वारा रेप के आरोप का सामना कर रहे बनारस के रहने वाले निर्माता निर्देशक अनुराग कश्यप भी भोजपुरी अभिनेता और वर्तमान में गोरखपुर से सांसद रवि किशन पर ड्रग्स लेने के आरोप लगा चुके हैं राष्ट्रवादी अभिनेत्री कंगना राणावत खुद स्वीकार कर चुकी हैं कि वह ड्रग्स ले चुकी हैं और पूर्व में अभिनेता अध्ययन सुमन ने उन पर आरोप भी लगाए थे। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, दिया मिर्जा जैसे नाम आने के बाद प्रशंसक हैरान है।
ऐसे में जब दिल्ली एनसीआर में भी ड्रग्स का खेल बहुत बड़े पैमाने पर होता है यहाँ भी स्कुलो कालेजो तक में ड्रग्स माफिया की पहुँच आम है तो दिल्ली एनसीआर से लगते हुए इस नई फिल्म सिटी पर ड्रग्स माफिया का प्रभाव नहीं होगा अध्यक्ष माफिया का हस्तक्षेप नहीं होगा यह सोचना बेमानी है जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके team11 को यह तय करना होगा कि आखिर इस फिल्म सिटी के अंदर विकास के साथ-साथ ड्रग माफिया और बाहुबलियों का हस्तक्षेप कैसे रोका जाए
हालांकि बीते कुछ समय में जिस तरीके से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों के खिलाफ मुहिम चलाई है उससे यह आश्वासन तो मिलता है कि शायद फिल्म में योगी सरकार ड्रग माफिया और बाहुबलियों की एंट्री को रोकने में सफल होगी मगर उसके लिए क्या वाकई कोई प्लानिंग और इंतजाम अभी तक सरकार के पास है या सरकार इस पर आगे जाकर कुछ सोचेगी यह सब भविष्य के गर्भ में छिपा है