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कोरोना को मात देकर घर पहुंचे स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने की पत्रकार वार्ता, सरकारी की जगह प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट होने का सवाल पूछने वाले पत्रकार पर झल्लाए

कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होकर लौटे उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री अतुल गर्ग की पत्रकार वार्ता में मंत्री तब असहज हो गए जब प्रेस वार्ता में उपस्थित एक पत्रकार ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री से प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने को लेकर सवाल पूछ लिया

हालांकि इसके फौरन बाद उन्होंने अपने व्यवहार पर खेद भी प्रकट किया दरअसल 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था डिस्चार्ज होने के बाद अतुल गर्ग अपने फार्म हाउस में आइसोलेट थे जिसके बाद कल अपने निवास पर अतुल गर्ग ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया और उसमें योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया उन्होंने कहा 17 अगस्त को मुझे लखनऊ जाना था मेरे मिलने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान समेत कई नेता है इसकी वजह से लखनऊ नहीं पहुंच पाया रात को 8:00 बजे करीब शरीर में दिक्कत हुई और रिपोर्ट पॉजिटिव आयी जिसके बाद उनको एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया

प्रेस वार्ता में सब कुछ सही चल ही रहा था कि तभी एक पत्रकार ने अतुल गर्ग से सरकारी अस्पताल में इलाज न करवाने और प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने का कारण पूछ लिया यह सवाल सुनते स्वास्थ्य राज्यमंत्री का को गुस्सा आ गया सवाल पर अनुचित प्रकृति प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा इस तरह के सवाल ना पूछे प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने को सफाई देते हुए उन्होंने कहा मैं संपन्न परिवार से हूं मेरा बचपन से ही प्राइवेट अस्पताल में इलाज होता है और मेरे सरकारी अस्पताल में जाने बाकी लोगों को ड्रामा लगता इसलिए मैंने प्राइवेट स्कूल आज कराया।

हालांकि उसके थोड़ी देर बाद उनको एहसास हुआ कि उन्होंने कुछ गलत कह दिया है जिसके बाद उन्होंने अपने व्यवहार पर खेद भी जताया पत्रकार वार्ता के बाद लोगों का कहना था कि यदि स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए अतुल गर्ग अपना इलाज सरकारी अस्पताल में कराते तो जनता को यह संदेश जाता कि दिल्ली के अस्पतालों की तरह उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी सुविधाओं की कोई कमी नहीं है जहां जनता के अलावा नेता मंत्री भी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने में नहीं डरते हैं लेकिन शायद स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति से भलीभांति परिचित लोगों ने सरकारी अस्पताल में जाना उचित नहीं समझा

NCRKhabar Mobile Desk

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