main newsउत्तर प्रदेशभारत

भाजपा के खिलाफ लखनऊ में पोस्टर लगने से भाजपाई कायस्थों में खलबली, बताया समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का षड्यंत्र

लखनऊ डेस्क I में इन दिनों राजनीति उफान पर है स्वतंत्र देव सिंह के भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में एक भी कायस्थ को स्थान ना देने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है बीते दिनों इसी को लेकर कायस्थ समाज की तरफ से कुछ पोस्टर लगा दिए गए जिसमें लिखा गया कि कायस्थों अब तो जाग जाओ या फिर हमेशा के लिए सो जाओ इसके साथ ही भाजपा को अपनी कार्यकारिणी में स्थान ना देने के लिए धन्यवाद भी दिया गया

भाजपा में कायस्थ की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मीम

राजधानी मे ऐसे पोस्टरों के लगते ही भाजपा में खलबली लग मच गई है । आनन् फानन में पुलिस ने इन पोस्टर्स को ना सिर्फ उतरवा दिया बल्कि २ लोगो को गिरफ्तार भी किया हालाँकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया Iभाजपा के इंटरनल सूत्रों के अनुसार भाजपा ने प्रदेश के अपने कायस्थ नेताओं से इस मामले में जानकारियां लेने शुरू कर दी है । इस बाबत कायस्थ समाज के भाजपा युवा नेता निशांत सक्सेना बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भी मिल चुके हैं जिसके बाद लखनऊ में कायस्थों की समितियों के नाम पर बनाए गए संगठनों के भाजपाई कायस्थ नेता दोबारा से मैदान में आ गए हैं

नाम ना छापने की शर्त पर भाजपा में मौजूद कायस्थ नेताओं का कहना है कि ये दरअसल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के षड्यंत्र का एक हिस्सा है जिसमें पहले ब्राह्मणों को भाजपा के खिलाफ भड़काया गया और अब भाजपा के दूसरे सशक्त वोटर कायस्थ समाज को भी लगातार भड़काने की मुहिम चलाई जा रही है लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर बीते कई सालों में भाजपा से कोई भी एमएलसी कोई गवर्नर कायस्थ समाज की तरफ से क्यों नहीं दिया गया है लखनऊ में सुरेश श्रीवास्तव जैसे प्रभावशाली कायस विधायक बीते 3 साल से ही हाशिए पर हैं तो बनारस से विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी कोई स्थान नहीं पाए हैं I भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और लखनऊ के विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी में किसी भी कायस्थ कार्यकर्ता को पदाधिकारी ना बनाने की बात समझ से परे है वही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विंध्यवासिनी कुमार ने कहा कि कायस्थों को भी प्रदेश कार्यकारिणी में उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए था।

वहीं भाजपा में ही प्रदेश कार्यकारिणी के लिए जोर लगा रहे कई भाजपा नेताओं मैं भी यह स्वीकार किया कि जातिवाद के मामले में कायस्थ भाजपा में हमेशा पिछड़ जाते हैं और यह पहली बार ऐसा हुआ है कि समाज का आक्रोश इस तरीके से सड़कों पर दिखाई दे रहा है । असल में विकास दुबे की हत्या के बाद जिस तरीके से भाजपा के ब्राह्मण नेताओं ने भी अपने समाज का साथ दिया तो ऐसे में ब्राह्मणों को संतुष्ट करने के लिए जिस तरीके से भाजपा ने ब्राह्मणों के साथ उम्मीदवारों को कार्यकारिणी में स्थान दे दिया वह कायस्थ समाज को नागवार गुजरा है । प्रदेश में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में भाजपा में मौजूद कायस्थ हमेशा अपने आप को पीछे पाते हैं और यही बात इस बार खुलकर सामने आ गई है

ऐसे में इन लोगों के सामने समाज और भाजपा दोनों ही जगह अपनी इज्जत बचाने मुश्किल हो रही है सोशल मीडिया पर कायस्थ समाज लगातार इन भाजपा नेताओं को अपना नेता मानने को मना कर रहा है तो भाजपा संगठन में भी इस बात को लेकर मंथन शुरू हो गया है कि 2022 के चुनाव से पहले किस तरीके से कायस्थ को अपने पाले में रोका जाए

NCRKhabar Mobile Desk

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button