आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्व दिल्ली में दंगों में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है। दिल्ली पुलिस की जांच में हुसैन ने लोगों को उकसाने और हिंसा कराने की बात मानी है। उसकी योजना कुछ बड़ा करने की थी। आपको बता दें कि हुसैन IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का मुख्य आरोपियों में शामिल है। उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान शर्मा का शव चांद बाग के नाले से 26 फरवरी को बरामद किया गया था।
ताहिर जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से 8 जनवरी को शाहीन बाग स्थित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में मिला था। हुसैन का काम ज्यादा से ज्यादा शीशे की बोतर, पेट्रोल, एसिड, पत्थर को अपने छत पर इकट्ठा करना था जबकि हुसैन के एक परिचित खालिद सैफी का काम सड़कों पर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकत्र करने का था।
पुलिस के अनुसार ‘खालिद सैफी ने अपने दोस्तों, इशरत जहां के साथ पहले खुर्जी में शाहीन बाग की तरह धरना शुरू करवाया। 4 फरवरी को अबु फैजल इनक्लेव में हुसैन खालिद सैफी से मिलकर दंगे की योजना के लिए मिला और तय किया गया कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में धरने पर बैठे लोगों को उकसाना है