लॉक डाउन के अन लॉक होने के साथ ही नागरिकता संशोधन विरोधी लोगो ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है सूत्रों के अनुसार शाहीन बाग में एक बार फिर से महिलाओं को बैठाने की कोशिश की जा रही है इसी कड़ी में गुरुवार को कुछ महिलाएं धरने के लिए पहुंची लेकिन पुलिस ने उनको वापस भेज दिया
CAA के विरोध में बताया जा रहा है कि शाहीन बाग और जामिया में एक बार फिर से रणनीति बनाई जा रही है ताकि सरकार को दबाव में लिया जा सके जानकारों की मानें तो इस बार ‘सब याद रखा जाएगा’ स्लोगन भी तैयार कर लिया गया है
सरकार को भनक ना लगे इसके लिए नए सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए हैं नई टि्वटर और फेसबुक अकाउंट्स के जरिए दोबारा से कोशिश की जा रही है व्हाट्सएप पर भी नए नंबरों से कम्युनिकेशन हो रहा है
ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या देश में कोरोना से लड़ाई की जगह इस तरह के आंदोलनों की कोशिश करने वाले लोगों के उद्देश्य पर सवाल उठाए नहीं जाने चाहिए