आज २ बजे मीडिया में खबर आई कि यूपी सरकार आज रात १२ बजे से १५ जिले को पूरी तरह सील करने जा रही है जिसमें सभी दुकानें तक बंद रहेगी लोग घरों से ज़रूरी काम के लिए ही निकाल पाएंगे , ऑर बिना मास्क के नहीं निकल पाएंगे । लोगो ने घबराहट में घरों से निकल कर सामानों को खरीदने के लिए भीड़ लगाना शुरू कर दिया फिर खबर अाई कि इ न जिलों के कोरोना हॉट स्पॉट क्षेत्रों को ही सील किया जाएगा लेकिन पहली खबर के बाद काम हो चुका था और डी एम् को कहना पड़ा कि अफवाह ना फैलाए
मजदूरों के पलायन के वक्त भी बसों के इंतजाम की अधकचरी घोषणा के बाद भी यही हुआ था, लेकिन उस घटना से योगी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। ऐसे में सवाल ये है कि क्या योगी सरकार एक बार फिर बिना स्पष्टता और तैयारी फैसले लागू करने को उतावली है ,कभी कहा गया कि 15 जिले पूरी तरह सील तो कभी कहा गया कि कि सिर्फ चिन्हित करोना हॉटस्पॉट ही होंगे सील, इस कंफ्यूजन का परिणाम ये हुआ कि इन 15 जिलों के लोग राशन और जरूरत का सामान जुटाने एक साथ बाजार की और दौड़ पड़े और लॉक डाउन की धज्जियां उड़ गई, आखिर सरकार के फैसले बिना पूरी जानकारी के मीडिया तक अा कैसे जा रहे है ।
योगी सरकार मीडिया के ऐसे सूत्रों को पहचान नहीं पा रही है या फिर उनके प्रशासनिक अधिकारी सरकारी आदेश से पहले ही मीडिया तक जानकारियां लीक कर रहे है । लेकिन दोनों ही सूरत में सवाल योगी सरकार के काम करने के तौर तरीको पर है । कोरोना संकट के इस दौर में जब लोगो को भीड़ को जमा ना होने देने की कोशिश होनी चाहिए तब अगर सरकार के फैसलों को जल्दबाजी में लागू करने की गलती लॉक डाउन का मतलब ही समाप्त कर रही है तो सरकार को इस पर सोचना होगा