पूरा भारत कोरोना वायरस को हराने के लिए एकजुट है, प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश ने संकल्प, संयम व अनुशासन प्रदर्शित किया है, इसका लाभ लोकडाउन होने के बाद के दिनों में दिखना भी शुरू हुआ लेकिन मजहबी कट्टरता की मिसाल बन चुके निजामुद्दीन मरकज में शामिल जमातियों ने अपने घिनौने आचरण से पूरे देश को स्तब्ध कर दिया एवं पूरे देश को कोरोनावायरस के खतरे में डाल दिया। इन लोगों ने सरकारी निर्देशों , चिकित्सकीय आदेशों , प्रशासनिक आज्ञाओं का खुले तौर पर उल्लंघन करते हुए अपनी मजहबी मध्ययुगीन मान्यताओं को तरजीह देते हुए सभी चेताववनियो की अवहेलना की तथा उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि जमातियों ने 20 से अधिक राज्यों में कोरोनावायरस को पहुंचाया तथा 30 प्रतिशत से अधिक संक्रमित इन्ही जमातियों के केस हैं। देशभर में इन जमातियों की गैर जिम्मेदाराना, धर्मांध हरकतों के प्रति जन आक्रोश भी है परंतु फिर भी स्थिति अभी तक नियंत्रण में है।
पूरे विश्व में तबाही मचा चुके इस वायरस से भारत भी अपने आप को बचाने की जद्दोजहद में लगा हुआ है, विकसित देशों की तरह भारत के पास अत्याधुनिक संसाधनों की उपलब्धता भले ही ना हो परंतु भारत के पास मोदी जैसा नेतृत्व है , जिसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। जिस तरह का संकल्प युक्त, अनुशासित आचरण भारतीय जनता ने पिछले दिनों में प्रदर्शित किया है, जो तमाम कष्ट झेल कर तथा आर्थिक नुकसान झेल कर भी अपने नेता पर विश्वास कर रहे हैं एवं एकजुटता से सभी आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं । जिस तरह की जिजीविषा का प्रदर्शन भारतीय लोगों ने किया है उस से यह उम्मीद जगती है कि भारत वास्तविकता में विश्व को राह दिखाने का काम करेगा । इस कठोर साधना से कुंदन की तरह प्रदीप्त होकर निकलेगा, जिसके तेज से समस्त विश्व को आलोकित हो उठेगा।
डॉ रवि प्रभात